#MNN@24X7 ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा से संबद्ध सभी महाविद्यालय के शिक्षकों के संबंध में महाविद्यालयों से उनकी सेवा संबंधी पूर्ण विवरण की मांग की गई थी, जिसपर विश्वविद्यालय सरकार के द्वारा निर्धारित मानकों के आलोक में कार्य कर रही। उक्त बातें कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद ने कही।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा बार-बार स्मारित कराने के बाद भी कतिपय महाविद्यालयों ने अब तक वांछित सूचनाएं नहीं भेजी हैं, जिसके कारण उनके कार्यों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। जहां तक गैर शिक्षक वर्ग के कर्मियों के पद सृजन का प्रश्न है, उसपर भी कार्य प्रक्रियाधीन है। बावजूद इसके कुछ शिक्षकों के द्वारा विश्वविद्यालय प्रांगण में धरना दिया जा रहा है जो सर्वथा अनुचित है। विशेष तौर पर ऐसे शिक्षक जो फर्जी तौर पर बहाल थे। जिस विषय में उनकी योग्यता नहीं थी, उस विषय के शिक्षक बनकर सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे थे और उनपर न्यायोचित कार्रवाही की गई है। वैसे शिक्षक भोले- भाले अन्य शिक्षकों और कर्मियों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं।
अतः सभी शिक्षकों एवं कर्मियों से हमारी अपील है कि वे किसी भ्रम व बहकावे में नहीं आये। विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी सेवा संबंधी सभी प्रकार की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। हम सभी जानते हैं कि सीनेट की बैठक शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों एवं छात्र- छात्राओं के हित में होती है, जिसमें सभी कोटि के माननीय सदस्य होते हैं। ऐसे में सीनेट की बैठक में अवरोध डालना कहीं से भी प्रजातांत्रिक कृत्य नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन हमेशा किसी भी शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी एवं छात्र- छात्रा की समस्याओं की अनदेखी नहीं करता है। जिन्हें भी किसी भी प्रकार की कठिनाई है, वे अपनी समस्याओं को संबंधित पदाधिकारियों से मिलकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विश्वविद्यालय सभी कार्यों में पारदर्शिता के साथ आगे रहा है। हम सबसे सहयोग की अपेक्षा करते हैं।