#MNN@24X7 रांची। झारखंड के खूंटी के तत्कालीन एनडीसी अभय नंदन सिन्हा कमीशन के रूप में मिले रुपयों से भरा बैग पूजा सिंघल को देते थे।रुपयों से भरा बैग जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा उन्हें सौंपते थे।पूजा सिंघल के निर्देश पर एनडीसी रुपयों से भरा बैग राम विनोद सिन्हा से लेते थे।मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान अभय नंदन सिन्हा ने प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) को दिए अपने बयान में यह जानकारी दी थी।
राम विनोद सिन्हा ने यह स्वीकार किया था कि योजना में कमीशनखोरी की परंपरा पहले से चलती आ रही थी। अभय नंदन सिन्हा ने ईडी को दिए अपने बयान में कहा था कि उपायुक्त को इस बात का अधिकार होता है कि वह यह फैसला करें कि कौन काम करेगा।राम विनोद सिन्हा तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल का कृपापात्र था।उसे काम देने के लिए दूसरे इंजीनियरों को अन्य काम में व्यस्त बताया जाता था।
अभय नंदन सिन्हा ने भी पूजा सिंघल के निर्देश पर कई योजनाओं में राम विनोद सिन्हा को ही काम सौंपने का प्रस्ताव दिया था।राम विनोद सिन्हा योजना का पूरा पैसा निकाल लेता था। राम विनोद सिन्हा रुपयों से भरा बैग उन्हें सौंपता था।वह उपायुक्त के निर्देश पर उसे लेकर उन्हें दे दिया करते थे।मामले की जांच के दौरान जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा ने कमीशनखोरी की बात स्वीकार की थी।
उसने इडी को बताया था कि वह योजना में विमुक्त की गयी राशि का पांच प्रतिशत आरआरडीए और उपायुक्त कार्यालय को देते थे।इसके अलावा अतिरिक्त पांच प्रतिशत रकम कार्यपालक अभियंता को दिया जाता था।कार्यपालक अभियंता चेक देने से पहले उसमें निहित राशि का दो प्रतिशत अग्रिम ले लिया करते थे।
(सौ स्वराज सवेरा)