#MNN@24X7 दरभंगा, कृषि विज्ञान केन्द्र जाले दरभंगा में वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ दिव्यांशु शेखर की अध्यक्षता में दरभंगा जिला के 24 युवक एवं युवतियों को आधुनिक कृषि यंत्र की मरम्मत एवं रखरखाव विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन आज शुरू किया गया।

प्रशिक्षण समन्वयक, कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक ई. निधि कुमारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान किसानों को खेती में हो रहे आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रयोग एवं देखभाल की जानकारी दी जाएगी। अगले चार दिनों में कृषकों को कृषि के क्षेत्र में किसानों को ज्यादा से ज्यादा यांत्रिकीकरण को अपनाने की जरूरत पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

ई. निधि ने बताया कि खेती में लगने वाले विभिन्न यंत्र जैसे की प्राइमरी टिलेज यंत्र, सेकेंडरी टिलेज यंत्र, बीज बुआई यंत्र जैसे कि सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रेज्ड बेड प्लांटर, मल्टी क्रॉप प्लांटर, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, मेज डिबलर, पैडी ट्रांसप्लांटर, स्प्रेयर, ऑटोमैटिक पोटेटो प्लांटर, पोटेटो डिगर, फसल कटाई यंत्र जैसे कि स्वचालित रीपर कम बाइंडर, मिनी हार्वेस्टर, कंबाइन हार्वेस्टर, ब्रश कटर इत्यादि के प्रयोग एवं देखभाल की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। खेत के समतल होने वाले लाभ की जानकारी दी गई एवं किसानों को लेजर लैंड लेवलर तकनीक द्वारा समतलीकरण एवं इसके मरम्मत एवं रखरखाव की भी विशेष जानकारी दी जाएगी ।

ई. निधि ने बताया कि कैसे समतलीकरण से उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही भूमि के क्षेत्र को भी बढ़ाया जा सकता है, साथ ही जल प्रबंधन, समेकित पोषक तत्व प्रबंधन इत्यादि को बढ़ावा मिल सकता है। कृषि में प्रयोग होने वाले फसल अवशेष प्रबंधन हेतू विभिन्न प्रकार के आधुनिक यंत्र जैसे कि स्ट्रॉ बेलर आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं इससे आने वाले समय में रोजगार सृजन की बात भी बतलाई जाएगी।

ई. निधि ने बताया कि बिहार सरकार की ओर से कृषि यंत्र बैंक योजना शुरू की गई है। किसान आधुनिक कृषि यंत्रों की सहायता से खेती का काम आसानी से कर सकें एवं खेतों में उपयोग के उपरांत उसका रखरखाव अच्छे से कर उसको लंबे समय तक प्रयोग कर सकें। बिहार सरकार द्वारा भी विभिन्न कृषि यंत्रों की खरीद पर सरकार की तरफ से अनुदान 45 से 50% सामान्य जाति एवं 75 से 80%अनुदान का प्रावधान अनुसूचित जाति एवं जनजाति हेतु किया गया है। युवा किसानों को ज्यादा से ज्यादा यांत्रिकीकरण कर कृषि करने हेतु प्रेरित किया गया, ताकि कृषि को समय पर किया जाए एवं श्रम लागत भी घटाया जा सके।

इस मौके पर उद्यानिकी विशेषज्ञ डॉ प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, डॉ चंदन कुमार, शाशिमला कुमारी एवं केवीके के अन्य सभी कर्मचारीगण भी मौजूद थे।