9मार्च के पटना महाजुटान में मिथिलांचल से दसियों हजार लोग भाग लेंगे–माले।
कुंभ हादसे में मरे लोगों को श्रद्धांजलि के साथ माले जिला कमिटी की बैठक शुरू,धार्मिक आस्था का राजनीतिकरण गलत–बैद्यनाथ यादव।
#MNN@24X7 दरभंगा 31 जनवरी, भाकपा माले जिला कमिटी की बैठक पंडासराय के विनोद मिश्रा स्मृति भवन रेणु नागार्जुन सभागार में कुंभ में मरे लोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरु हुई।वीआईपी प्रबंधन में पूरी व्यवस्था को लगा देने की वजह से यह दुखद हादसा हुआ है जिसकी जिम्मेवारी योगी सरकार को लेनी चाहिए। धार्मिक आस्था का राजनीतीकरण अनुचित है।
बैठक को संबोधित करते हुए माले के मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा ने कहा कि कल फ़णेश्वर नाथ रेणु की जन्मभूमि फारबिसगंज से माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में पदयात्रा शुरू होगी जो नक्षत्र मालाकार–अजीत सरकार की कर्मभूमि पूर्णिया तक जाएगी।इस पदयात्रा में मिथिला कोसी के सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। इंसाफ मंच के लोग भी शिरकत करेंगे। यह यात्रा 9मार्च को पटना में आहूत जनांदोलनों के महा जुटान के पक्ष प्रचार करेगा। मिथिला कोसी सीमांचल को पलायन जोन बनाने की दिल्ली पटना सरकारों की नीति को कटघरे में खड़ा करेगा। आगे उन्होंने कहा कि पटना के महा जुटान में दसियों हजार लोग मिथिलांचल से भाग लेंगे। आगे उन्होंने कहा कि मोदी और नीतीश की सरकार मजदूरी महाघोटाला कर रही है और वाजिब मानदेय से आशा, विद्यालय रसोइया,आंगनबाड़ी,जीविका कैडर और सफाई कर्मियों को महरूम रख रही है। जिसके खिलाफ स्कीम वर्कर के अंदर भी भारी आक्रोश है।
वहीं भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि योगी सरकार की लापरवाही के चलते इतना बड़ा हादसा हुआ है। बड़ी संख्या में हुई जनहानि के बावजूद प्रशासन सही जानकारी छुपा रहा है। मोदी-योगी सरकार का ध्यान महाकुंभ के आयोजन का श्रेय लेने पर अधिक और श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधाओं पर कम रहा है। सरकार राजनीतिक लाभ के फेर में तीर्थयात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रही है। पूरा सरकारी अमला वीआईपी प्रबंधन में लगा हुआ है, जबकि आम श्रद्धालुओं की परेशानियों की किसी को परवाह नहीं है।
भाकपा-माले मांग करती है कि घायलों का समुचित इलाज कराया जाए, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए।
इस अवसर पर बैठक में वरिष्ठ नेता आर के सहनी, नंदलाल ठाकुर, विनोद सिंह, प्रो कल्याण भारती, धर्मेश यादव, मोहम्मद जमालुद्दीन, केशरी यादव, साधना शर्मा, गंगा मंडल, प्रवीण यादव, राम विलास मंडल, संदीप कुमार चौधरी, देवेंद्र कुमार, अबधेश सिंह, भोला पासवान, शिवन यादव, विनोद कुमार, रंजन प्रसाद सिंह, प्रिंस राज सहित कई लोग शामिल थे।