#MNN24X7 दरभंगा, 09.12.2025 , मिथिला विश्वविद्यालय के अंतर्गत स्थित संगीत विभाग परिसर के स्वामित्व को लेकर विगत दिनों आए न्यायालय के फैसले ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। न्यायालय के अनुसार अब इस परिसर का स्वामित्व विश्वविद्यालय से हटकर दरभंगा महाराज के वंशज को प्राप्त हो जाएगा।
इस निर्णय की तीखी आलोचना करते हुए आइसा नेता मयंक कुमार ने कहा कि “यह पूरा मामला विश्वविद्यालय प्रशासन की वर्षों से चली आ रही लापरवाही और विश्वविद्यालय को लूट–खसोट का केंद्र बना देने की प्रवृत्ति का सीधा परिणाम है।” उन्होंने बताया कि जमीनी स्वामित्व से जुड़े मामले उच्च न्यायालय एवं सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन रहे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने लगातार इन मामलों की अनदेखी की।
आइसा नेता ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के शीर्ष पदाधिकारी आए दिन भू–माफियाओं के दबाव में रहते हैं और अतिक्रमणकारियों को संरक्षण देने में संलिप्त रहते हैं। सिंडिकेट में बैठे कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा भी ऐसे भूमाफियाओं को बढ़ावा मिलता रहा है, जिसके कारण विश्वविद्यालय की मूल्यवान परिसंपत्तियाँ लगातार संकट में रही हैं।
आइसा ने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन तत्काल प्रभाव से इस फैसले के खिलाफ दूसरे बेंच में रीट दायर करे और संगीत विभाग सहित विश्वविद्यालय की कीमती संपत्तियों को बेदखल होने से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए। साथ ही, प्रशासन से आग्रह किया गया कि ऐसे मामलों में लापरवाही की जिम्मेदारी तय कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में विश्वविद्यालय की संपत्तियाँ किसी भी साजिश या मिलीभगत का शिकार न हों।
