#MNN@24X7 दरभंगा, मिथिलावादी पार्टी की मिथिला विकास बोर्ड के मांग को लेकर आहूत यात्रा आज 16वें दिन बहादुरपुर पहुँची। यात्रा का नेतृत्व नीरज क्रांतिकारी ने किया। यात्रा की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज कर रहे हैं। यात्रा के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया। यात्रा देकुली से शुरू होकर डरहार, फेकला, कुच्ची होते हुए उघड़ा पहुँची।
ना तो पलायन का कोई ठोस निदान अब तक निकल पाया है और ना ही संवैधानिक भाषा के रूप में अब तक मैथिली को यथोचित अधिकार ही प्राप्त हो सका है। पार्टी का मुख्य एजेन्डा यह है कि मिथिला का औद्योगिकीकरण और विकास संभव होगा।पौराणिक काल से ही मिथिला अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए चर्चित क्षेत्र रहा है। राज्य स्थापना के बाद ही इस क्षेत्र के सर्वागीण विकास की बात सोची जा सकती है। कृषि, उद्योग-धंधा, पर्यटन, शिक्षा एवं संस्कृति के विकास से ही इस क्षेत्र की दुर्दशा तथा बेरोजगारी का अंत हो सकता है तथा लोगों को पलायन रुक सकता है। परन्तु वर्तमान की सरकार मिथिला विरोधी है।
मिथिला के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, साहित्यिक और भाषा के क्षेत्र में समग्र विकास के लिए, मिथिला सूखा और बाढ़ का निरंतर शिकार होता आ रहा है। जहां एक और खेती चौपट हो गई है, वहीं मिथिला के मजदूर पलायन करने को विवश हो रहे हैं। चीनी मिल, पेपर मिल, जूट मिल व अन्य उद्योग – धंधे आदि यहां कबाड़ का ढेर मात्र बने हुए हैं। कृषि, उद्योग-धंधा, पर्यटन, शिक्षा एवं संस्कृति के विकास से ही इस क्षेत्र की दुर्दशा तथा बेरोजगारी का अंत हो सकता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज ने कहा कि : पुरे मिथिला में कृषि पर लगभग 84 प्रतिशत लोग निर्भर हैं लेकिन एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट सिर्फ 18 प्रतिशत ही हैं। मिथिला में 14 चीनी मिल, 6 जुट मिल, 1 पेपर मिल, 2 सूत मिल में से अभी सिर्फ 3 चीनी मिल कार्यरत हैं बंकि सभी बंद हैं। चीनी मिल के नाम पर पिछले 5 वर्षों में महाराष्ट्र को 22 हजार करोड़ रुपया दिया गया लेकिन मिथिला को एक फूटी कौड़ी नहीं। बिहार की कुल बजट 2 लाख 8 हजार करोड़ हैं जो दिल्ली के बजट के 3 गुना से भी ज्यादा हैं लेकिन हमारे सरकार इतना पैसा का करती क्या हैं ?
25 हजार करोड़ रूपये शिक्षा पर खर्च किये जा रहे हैं लेकिन सिर्फ 33 प्रतिशत बच्चे ही सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं, ऐसा क्यों? 8 हजार करोड़ रूपये हर वर्ष बिजली के लिए खर्च किये जा रहे हैं लेकिन बिजली की स्थिति किसी से छुपा हुआ नहीं हैं। अब वक्त आ गया हैं की हम सवाल करे और अपने प्रतिनिधि से जवाब मांगे आप सभी से अनुरोध हैं की मिथिला विकास बोर्ड के मांग को हर प्लेटफोर्म पर उठाये।
इस यात्रा ने मिथिलावादी नेता विद्या भूषण राय, गोपाल चौधरी, जिलाध्यक्ष अमित कुमार ठाकुर, MSU के अध्यक्ष नीरज क्रांतिकारी, अभिषेक यादव, नवीन सहनी, राज पासवान, गोपाल झा, संतोष साहू समेत सैकड़ो लोग उपस्थित थे।