अवैध वसूली के लिए जानबूझकर शून्य डाला गया, 10-10 हजार लेकर परिमार्जन किया जा रहा,जांच कर हो कारवाई-सुरेंद्र प्रताप सिंह।

दाखिल-खारिज के बाद खाता 73, खेसरा 211 दर्ज कर मालगुजारी रसीद मिला फिर भी पंजी में शून्य-बंदना सिंह।

मेरे पति खाता-खेसरा दर्शाकर गृह लोन भी लिया फिर भी पंजी में खाता-खेसरा शून्य दर्ज-नीलम देवी।

जमाबंदी पंजी में खाता-खेसरा सुधार के नाम पर पूरे बिहार में कथित अरबों की अवैध वसूली, जांच कर हो कारवाई- सुरेंद्र प्रसाद सिंह।

#MNN24X7 समस्तीपुर, 24 अगस्त, बिहार सरकार द्वारा चलाया जा रहा राजस्व महा-अभियान के तहत जमाबंदी पंजी घर पहुंचते ही भूस्वामियों के होश उड़ गए जब भूस्वामियों ने जमाबंदी पंजी के खाता संख्या-खेसरा संख्या के काॅलम में शून्य पाया। लोग अंचल कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हो गये और इस मजबूरी का लाभ परिमार्जन के नाम पर अंचल कार्यालय में 5-10 हज़ार रूपये वसूली होने लगी। इतना ही नहीं खाता संख्या-खेसरा संख्या के अलावे तौजी नंबर, रकबा, चौहद्दी, थाना नंबर आदि में भी शून्य (0) डाला गया है।

विवेक-विहार मुहल्ला स्थित पंजी वितरण केंद्र पर भूस्वामी सह भाकपा माले नेत्री बंदना सिंह ने बताया कि उनके मकान के जमीन का दाखिल-खारिज कर खाता संख्या 73, खेसरा संख्या 211, चौहद्दी आदि दर्ज कर मालगुजारी रसीद काट दिया गया। वे तबसे लगान भर रही हैं बाबजूद जो पंजी मिला है उसमें खाता, खेसरा, चौहद्दी आदि के काॅलम में शून्य भर दिया गया है। वे परेशान हैं। विवेक-विहार मुहल्ला की नीलम देवी बताती हैं कि उनके पति विश्वनाथ राम के नाम से सवा कट्ठा जमीन है। दाखिल-खारिज, एलपीसी आदि कराकर बैंक से लोन भी उठाकर मकान बनवाए बाबजूद जो जमाबंदी पंजी मिला है उसमें खाता, खेसरा, चौहद्दी आदि के काॅलम में शून्य भरा हुआ है। काशीपुर की तनूजा वर्मा, अरूण कुमार, प्रवीण कुमार, पवन महतो, श्याम कुमार, आभा प्रवीण समेत सैकड़ों भूस्वामियों के जमाबंदी पंजी में नाम, पता, पिता, पति, खाता, खेसरा, चौहद्दी, तौजी, रकबा में गड़बड़ियां हैं।

इस आशय की जानकारी देते हुए भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार सरकार द्वारा पूरे राज्य में राजस्व महा-अभियान के तहत जमाबंदी पंजी घर-घर पहुंचाया जा रहा है। इसके तहत जमाबंदी में त्रृटी सुधार (परिमार्जन), उत्तराधिकारी नामांतरण, बंटवारा नामांतरण आदि किया जाना है। माले नेता ने कहा है कि जब केबाला के आधार पर दाखिल-खारिज कर के खाता-खेसरा, रकबा, तौजी नंबर, थाना नंबर, चौहद्दी आदि दर्शाकर मालगुजारी रसीद मेन्यूअल काटकर दे दिया और इसी प्रक्रिया का ऑनलाइन किया गया फिर भूस्वामी एवं पति, पिता का नाम, पता आदि आ गया और खाता संख्या-खेसरा संख्या, चौहद्दी आदि कैसे छूट गया।

माले नेता ने कहा कि अवैध वसूली को बढ़ावा देने के लिए जानबूझकर ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा कि अब इन त्रृटियों को ठीक कराने के नाम पर 5-10 हजार तक की राशि वसूल की जाती है। अगर निष्पक्ष जांच हो तो पता चलेगा कि पूरे बिहार में इस नाम अरबों रुपए की बंदरबांट की जा रही है। उन्होंने जांच कर दोषियों पर कारवाई एवं शिविर के माध्यम से तमम त्रृटियों को सुधार करने की मांग की है।