जितेन्द्रनाथ झा

जितेन्द्रनाथ झा मधुबनी जिलाक कोइलख गामक प. इन्द्रनाथ झाक जेठ पुत्र छलाह। हिनक जन्म 1925 मे भेल छलनि। ई बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न रहथि। कोइलखक तँ छलाहे, प्रायः मिथिलाक पहिल व्यक्ति सेहो,जे सिनेमा जगतमे गेलाह।ओतs  “झा कमल” नामसँ जानल जाइत छलाह। एतs एक आओर जनतब जे कामेन्द्रनाथ झा “ग्रिभान्स” कथासंग्रहक कथाकार हिनक अनुज छलथिन आओर कथाकार हीरेन्द्र कुमार झा हिनक भातिज ।

प्रशांत किशोर का ऐलान – अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया है, इसे बिहार की मिट्टी का कर्ज अदा करने में लगा देंगे।


ई छात्रजीवनमे 1942 क असहयोग आन्दोलनमे भाग लेलनि तथा गाँधीजीक चरखाक घर-घर प्रचार कयलनि। मधेपुर हाइ स्कूलसँ मैट्रिक पास कयलनि। आइ.कॉम. मे सी.एम.कॉलेज, दरभंगामे नाम लिखौलनि आ कुमार गंगानन्द सिंहक आवास मे, जे हिनक बहिनोइ छलथिन, रहs लगलाह।कुमार गंगानन्द सिंह तहिया महाराजक सचिव छलाह।ई हुनक सम्बन्धी होयबाक कारणे राज परिवारसँ जुड़ि गेलाह आ स्नेहभाजन भs गेलाह। ई साइकल पोलोक नीक खेलाड़ी रहथि।

एकबेर राजा बहादुर आ कुमार साहेब संग कलकत्ता गेलाह तँ प्रसिद्ध नृत्यांगना साधना बोससँ सामीप्य बढ़लनि। हुनक ई निजी सचिव भ’ गेलाह। कलकत्ता रहैत ई सिनेमा जगतक प्रख्यात कलाकार सभक सम्पर्कमे अयलाह, यथा-काननबाला, लीला चिटनिस, पूर्णिमा, अशोक कुमार, देवानन्द आदि।

कलकत्तामे “मिथिला आर्ट स्टूडियो” क स्थापना कयलनि आ फ़िल्म-निर्माण आ अभिनयक संग निर्देशकक भूमिकामे आबs लगलाह। गृहस्थी, जय भारतमाता, भारत हिन्दुस्तान आदि फिल्ममे अभिनय कयलनि, किछु फिल्मक निर्देशनो कयलनि।कलकत्तासँ प्रकाशित फिल्मी मासिक पत्रिका “मैं आपकी हूँ” तथा पटनासँ प्रकाशित  “दीपशिखा” क सम्पादन कयलनि।

1946 ई.मे बरहगोरिया (मधुबनी) मे आयोजित मैथिल महासभामे ईहो भाग लेने छलाह। जाहि क्षेत्रमे गेलाह, सभ ठाम अपन प्रतिभासँ आकर्षणक केन्द्र बनि जाइत छलाह। ओकर प्रमाण अछि, प्रख्यात साहित्यकार प्रो.हरिमोहन झा गप्पक क्रममे एक बेर डा.प्रो.भीमनाथ झाकेँ कहने रहथिन जे हुनकासँ भेट छलनि आ हुनक एक प्रसिद्ध कथाक प्रेरणास्रोत आ नायक सेहो ई छलथिन।

दुर्भाग्यसँ क्षयरोगसँ ग्रस्त भs पचीसे वर्षक आयुमे माघ कृष्ण षष्ठीकेँ 1949 ई.मे हिनक निधन भs गेलनि ।

नरेन्द्र झा

नरेन्द्र झा अपन गाम कोइलखक भद्रकाली नाट्य परिषदक मंचपर छोट-छीन रोलसँ शुरू कयनिहार भारतक टेलीविजन आ सिनेमा जगतमे एक प्रतिभावान कलाकारक रूपमे उभरलाह आ अल्प समयमे चर्चित चेहरा बनि गेलाह। हिनक जन्म दू सितम्बर 1964 केँ कोइलख हाइ स्कूलक पूर्व प्रधानाध्यापक, सुसंस्कृत एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति शुभनारायण झाक छोट पुत्रक रूपमे भेलनि।

हिनक आरम्भिक शिक्षा गाममे भेलनि। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्लीसँ इतिहासमे एम.ए. कयलाक बाद सिविल सर्विस परीक्षाक तैयारी लेल सोचैत छलाह , किन्तु अभिनयमे रुचि रहलाक कारणे 1992 ई.मे SRCC एक्टिंग डिप्लोमा कोर्समे नामांकन करा लेलनि एवं कोर्सकेँ सफलतापूर्वक सम्पन्न कयलनि।

पहिने ई विज्ञापन(मॉडलिंग) क्षेत्रमे अयलाह,सफलता भेटलनि, देश भरिमे नाम उजागर भेलनि। लगले टेलीविज़नक कतेको निदेशकक नजरि हिनकापर पड़लनि। शुरू भेलनि सीरियल सभमे अभिनय। प्रतिभा छलनिहें, क्षमता बढ़ओलनि आ प्रमुख धारावाही सभमे मुख्य पात्रक भूमिका करs लगलाह। नाम पसरs लगलनि। लगभग सत्तरि सीरियलमे अभिनय कयलनि।किछु प्रमुख सीरियलक नाम थिक-शान्ति, इतिहास, थीफ ऑफ बगदाद, कैप्टेन हाउस, आम्रपाली, रावण, संविधान, बेगूसराय, छूना है आसमान, चेहरा, एक घर बनाऊँगा, क्योँ कि सास भी कभी बहू थी, जय हनुमान, योगगुरु बाबा रामदेव आदि। इंडोनेशियन टी.भी. सीरियल “लव इन बॉम्बे” मे सेहो हिनक प्रभावी भूमिका छनि।

बॉलीवुडक नजरि सेहो हिनकापर पड़ल आ हिनक माँग ओतहु होबs लागल। 2002 मे “फंटूश” सिनेमामे महत्वपूर्ण रोल भेटलनि। तखन, श्याम बेनेगल निर्देशित फिल्म “नेताजी सुभाषचन्द्र बोस:दि लास्ट हीरो” मे अभिनय कयलनि। हुनके दोसर फ़िल्म “संविधान” मे मोहम्मद अली जिन्नाक रोल कयलनि। हिनक अभिनीत किछु फ़िल्म थिक-हैदर (डॉ.हिलाल मीर), हमारी अधूरी कहानी (ए.सी.पी.पाटिल),घायल वन्स अगेन (राज बंसल),  मोहनजोदारो (जाकीरो), शोरगुल (आलम खान), रईश (मूसा), फ़ोर्स-2 (अंजन दास), काबिल (पुलिस अफसर चौबे) आदि। तेलुगू फिल्ममे सेहो अभिनय कयने छथि। ई गायक सेहो छलाह।”हवन” धारावाहीमे “बेस्ट एक्टर” मे चयन भेल छलनि। “संविधान”मे उत्कृष्ट अभिनय लेल तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा सम्मानित भेल छथि । 

हिनकामे अपार क्षमता छलनि किन्तु दुर्योग जे चौदह मार्च 2018 केँ हृदयाघातसँ हिनक अल्प वयसमे निधन भs गेलनि, जाहिसँ आर उत्कृष्ट अभिनयसँ भारतीय सिनेमा वंचित रहि गेल, कोइलख आ मिथिला लेल तँ बज्रपाते छल।

शुभेन्दु शेखर

शुभेन्दु शेखर (जन्म 21.10.1981) वैज्ञानिक छथि। मैथिलीक प्रति रुचि छनि। एक कथासंग्रह (ओकरो कहियो पाँखि हेतैक) एवं एक उपन्यास (ओ जे कहियो गाम छलैक) प्रकाशित भs चुकल छनि। 

रंगकर्म दिस सेहो हिनक अभिरुचि छनि।मैथिली सिनेमा “छुटत नहि प्रेमक रंग” लेल पटकथा आ संवाद लिखने छथि।ई फिल्म राइटर्स एसोसिएशन,इंडियन पिपुल थिएटर एसोसिएशन(IPTA) आ भद्रकाली नाट्य परिषद कोइलख सँ सेहो जुडल छथि।

राजीव मिश्र    

राजीव मिश्र (22/10/1985) ‘छुटत नहि प्रेमक रंग’क  सह निर्माता रहल छथि। एकर अतिरिक्त सुप्रसिद्ध मैथिली धरावाहिक ‘पाहुन’मे अभिनय आ सह निर्देशन, लगभग 30 टा हिन्दी फिल्म आ धरावाहिकक डबिंग सेहो कयने छथि। अपन स्टूडियो खोलने छथि। कतेको सिनेमा, सीरियल आ कमर्शियलक शूटिंग, डबिंग एतय होइत छैक। ई कतेको सिनेमा, सीरियल आ नाटकमे पार्श्वध्वनि सेहो देने छथि। ई एकटा रिपोजिटरी ‘धूमकेतु’क माध्यमसँ धूमकेतु लिखित कथा “अगुरवान” क निर्देशन सेहो कयने छथि। ई एखन धरि पंद्रह नाटकमे ध्वनि संयोजनक संग एखन धरि पाँच टा नाटकक सफल निर्देशन सेहो कयने छथि। अनेक रंग-महोत्सवमे हिनक सक्रिय भूमिका  छनि। ऑल इंडिया रेडियोक लेल एकैस भाषामे रेडियो नाटकक रिकॉर्डिंग आ निर्देशन, प्रसार भारतीमे अतिथि संकायक रूपमे  सेहो हिनक योगदान छनि।  तिहाड़ जेलमे  सय सँअधिक बन्दीकेँ साउंड रेकॉर्डिंगक प्रशिक्षण द’ चुकल छथि। मधुबनी पेंटिंगमे उच्च प्रशिक्षणक लेल हिनका संस्कृति मंत्रालय भारत सरकारसँ छात्रवृति सेहो भेट चुकल छनि। 

प्रेम कुमार झा

प्रेम कुमार झा (27/01/1970) भद्रकाली नाट्य परिषद, कोइलख सँ अपन किशोरावस्थासँ जुड़ल छथि। कतेको नाटकमे अभिनय आ निर्देशन क’ चुकल छथि। संगहि मैथिली सिनेमा “अप्पन गाम अप्पन लोक”, “छुटत नहि  प्रेमक रंग”, “छौंरा अगत्ती छौंरी भगवती” आ  निर्माणाधीन “हम लक्ष्मी  अहाँ आंगन के” मे ई अभिनय कयने छथि। एकर अतिरिक्त धारावाहिक “चौबटिया” आ “धमगीजर”मे सेहो ई अपन भूमिका निभयने छथि।

प्रवीण कुमार झा ‘सिंटू’

प्रवीण कुमार झा “सिंटू” (23-11-1979) प्रारम्भहि सँ ग्रामीण रंगमंचसँ जुड़ल छलाह। भद्रकाली नाट्य परिषद कोइलख द्वारा कतेको नाटकमे अभिनय कयलनि। बादमे ई मैलोरंग, दिल्लीसँ सेहो जुड़ला। करीब 50 टा मैथिली, 20-30 टा हिंदी नाटकमे अभिनय, आ चारि टा के निर्देशन सेहो कयलनि। ई एकटा मैथिली सिनेमा ‘लव यू दुलहिन’ आ तीन टा सीरियल ‘आब कहू मोन केहेन लगैए’, एस. एन. झा के गजबे दुनियाँ’ आ ‘पाहुन’ में अभिनय क’ चुकल छथि।

विश्वनाथ झा

विश्वनाथ झा(मास्टर साहेब) प्रतिष्ठित गणित आ विज्ञान शिक्षक छथि। रंगकर्ममे लगातार सक्रिय रहल छथि। कतेको नाटकमे अभिनय कयने छथि। भद्रकाली नाट्य परिषद कोइलखसँ जुड़ल छथि आ ‘छुटत नहि प्रेमक रंग’ सिनेमामे  अतिथि भूमिकामे अभिनय कयने छथि।

बबन मिश्र

बबन मिश्र (09/11/1963) भद्रकाली नाट्य परिषद, कोइलखसँ जुड़ल छथि। कतेको नाटकमे अभिनयक अतिरिक्त मैथिली सिनेमा ‘छुटत नहि प्रेमक रंग’ मे अतिथि भूमिकामे अभिनय कयने छथि।

राजीव शेखर

राजीव शेखर (5/12/1970) ग्रामीण रंगमंच सँ जुड़लाक बाद दिल्लीमे श्रीराम सेंटरसँ किछु दिनक लेल सेहो जुड़ल रहथि आ ओकर तत्वावधानमे किछु नुक्कड़ नाटक सेहो कयलनि। हिन्दी सिनेमा ‘हल्ला बोल’ क प्रोडक्शन टीममे सेहो सम्मिलित रहथि आ मैथिली सिनेमा ‘छुटत नहि प्रेमक रंग’ मे सेहो अभिनय कयने छथि।

त्रैभाषिक नाटक ‘पारिजात-हरण’ जकरा मैथिली कीर्तनियाँ नाटक कहल जाइत अछि।(मैथिली साहित्यक इतिहासमे पूरा मध्ययुगकेँ नाटकक युग कहल गेल अछि। ताहिमे पारिजात-हरणक स्थान सर्वोपरि अछि ।

पुन्नी बाबूक लिखल राजा हरिश्चंद्र नाटकक  सफलतम मंचन।योगानन्द झाक लिखल एकांकी-01.मुनिक मतिभ्रम(1953), 02. अन्तिम रामचरित, 03. अमृतक बटवारा
  
भद्रकाली नाट्य परिषद कोइलखक स्थापना सेहो कम महत्वपूर्ण नहि अछि। आइसँ 88 वर्ष पूर्व 1935 मे एकर स्थापना गामक लोकक कलाक प्रति गहन रुचिक द्योतक छल,जे अद्यावधि जीवन्त अछि। भद्रकाली नाट्य परिषदक चर्चा होइते, एहि दीर्घ कालान्तरक गामक उत्कृष्ट कलाकार सभ मन पड़ि रहल छथि। बीरेन्द्रनाथ झा (बीरू बाबू), रुद्रानन्द झा, गंगानाथ मिश्र (गंगाबाबू), पुन्नी बाबू, उपेन्द्र चौधरी, दमनकान्त झा,सदानन्द झा, शुभनारायण झा, बचबू चौधरी,राजनाथ झा,डॉ0 सुवर्ण शेखर झा, बिकलू चौधरी, सीताराम झा (आदि अनेको कलाकार)

मैथिली रंगमंचक जखन इतिहास लिखल जायत तँ मनोज मनुजक नाम अग्रिम पंक्तिमे रहत। हिनक अगुरवानक रूपांतरण नदी गोंगिआयल जाय, एक कलाकारक मृत्यु आदि लिखलनि, निर्देशन कयलनि, अभिनय कयलनि। भंगिमा आ अनेक नाट्य संस्थासँ जुड़ल रहलाह।  कोरोना हिनका डंसि लेलक।

वर्तमानमे सेहो शेषनारायण झा रमण, श्यामनाथ मिश्र, तारानंद ठाकुर, रमेश मंडल, अंशुमान सत्यकेतु, तुरंत कामत आदि दर्जनों कलाकार अपन अभिनय प्रतिभासँ चमत्कृत कय रहल छथि।

“बनकुआ अभिनय परिषद”क स्थापना सेहो नौटंकीक प्रति लगावक एक महत्वपूर्ण निर्णय छल आ अनेको कलाकार संग मोन पड़ि गेलाह विदेश्वर मंडल।
   
वर्तमानमे सेहो अपन कलाक उत्कृष्ट प्रदर्शन कय अनेको कलाकार मैथिली आ हिन्दी जगतमे प्रख्यात छथि आ पुरस्कृतो छथि।             
(आभार : श्री शुभेन्दु शेखरक जे एहि आलेखमे अनेक सूचना दय  हमरा सहयोग कयलनि।-हितनाथ झा)

(लेखक परिचय- इलाहाबाद बैंक से सेवानिवृत्त वरीय प्रबंधक श्री हितनाथ झा ‘कोइलख’ (ग्रामगाथा) पुस्तक के लेखक हैं। ‘मैथिली इतिहासक रेखांकन’ के सम्पादन भी इन्होंने किया है। समसामयिक साहित्यिक टिप्पणी और समीक्षा लिखना इनकी रुचि है। मैथिली पत्र-पत्रिकाओं एवं आकाशवाणी दरभंगा / हजारीबाग से कथा, कविता, वार्ता, समीक्षा प्रकाशित/प्रसारित होता रहा है। नवचेतन समिति, हजारीबाग के सचिव रह चुके हैं। त्रिवेणीकान्त ठाकुर मेमोरियल ट्रस्ट, हजारीबाग के संयोजक हैं। मैथिली साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधि में सक्रिय हैं।त्रिवेणी पोथी का संपादन भी इन्होंने किया है। 🙏)

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