दरभंगा। तीन दिवसीय आजादी के अमृत महोत्सव के तीसरे दिन आइएमए, दरभंगा परिसर में झंडोत्तोलन के पश्चात बड़ी संख्या में उपस्थित चिकित्सकों को संबोधित करते हुए अध्यक्ष डा सुशील कुमार ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्ष गाँठ पर भारत राष्ट्र के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज और इसकी रक्षा में लगे सभी सैनिकों को दरभंगा के चिकित्सको की ओर से नमन किया।

उन्होने कहा यह दिन हमे राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है। परिसर में उपस्थित सभी ने आजाद भारत में जन्म लिया है। उन्होंने न तो गुलामी की त्रासदी को झेला है और न ही स्वतंत्रता सेनानियों पर किए गए अत्याचारों को ही सहा।
हमारी जिम्मेवारी भारत को विकशित राष्ट्र बनाना है। स्वास्थ्य सेवा ही राष्ट्र सेवा है। यह शिक्षा प्रथम वर्ष एमबीबीएस छात्र काल से ही हमें नेशनल मेडिकोज आर्गनाइजेशन देता रहा है।

चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत होने के नाते यह चिकित्सकों का कर्तव्य है कि वह आम नागरिकों को वहन करने योग्य खर्च में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का तरीका निकालें।
यह कार्य वह संगठित होकर ही कर सकते हैं। आइएमए संभवत: दुनियाभर में चिकित्सकों का सबसे बड़ा संगठन है। सभी को बिना किसी और बिलंब के इसका सदस्य बन जाना चाहिए।

जन कल्याण से जुड़े कई कार्यक्रमों जैसे डायबिटीज डे, ऐंटी टोबैको डे आदि के आइएमए, दरभंगा द्वारा सफल आयोजन की चर्चा की।

आई.एम .ए .के जिला सचिव सह प्रवक्ता डा. आमोद कुमार झा ने स्वास्थ्य, सुरक्षा ,सेवा , आई टी,शिक्षा हर क्षेत्र मे हो रहे भारत के विकास कि गाथा को उद्धृत किया और कहा कि विकास तभी सफल माना जाएगा जब इसका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुँचे।

सम्बोधित करने वालो में डीएमसीएच प्राचार्य डाॅ.के एन मिश्र, उपाधीक्षक डा.हरेन्द्र कुमार, प्रसिद्ध गायनेकोलोजिष्ट, डाॅ.भरत प्रसाद रहे ।उपस्थित चिकित्सकों में डाॅ.हरिशंकरमिश्रा डा.हरिदामोदर सिह, डा.आर के राजन, डाॅ.आर के झा, डा.एस एन सराफ ,डाॅ.भरत कुमार, डाॅ अमिताभ सिन्हा, डाॅ.कन्हैया झा, डा.प्रवीर सिन्हा, डाॅ.शीला साहु, संजीव कुमार आदि सैकड़ो चिकित्सक मौजूद रहे ।