कुलपति प्रो एस पी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित एवं सेमिनार में देश के दर्जनों नामी विश्वविद्यालयों के विद्वानों की होगी सहभागिता।
‘समाज में शिक्षक की भूमिका की परिकल्पना @ राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 : विश्वगुरु भारत’ विषयक संगोष्ठी में भाग लेंगे 700 से अधिक प्रतिभागी।
विभागाध्यक्ष सह संयोजक डा अरविन्द मिलन की अध्यक्षता में आयोजन समिति की बैठक में तैयारी को दिया गया अंतिम रूप।
#MNN@24X7 ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा संचालित बी एड विभाग (रेगुलर) के तत्त्वावधान में “समाज में शिक्षक की भूमिका की परिकल्पना @ राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 : विश्वगुरु भारत” विषयक आईसीएसएसआर, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन आगामी 21 एवं 22 नवंबर, 2022 को विश्वविद्यालय के मोती महल परिसर में किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित उक्त सेमिनार में महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग, मध्य प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर रामशंकर कुरील मुख्य अतिथि के रूप में, जबकि कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद तथा दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो अशोक कुमार मेहता विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे।
वहीं संसाधन पुरुष के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद, डा हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, कल्याणी विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल, एनसीईआर क्षेत्रीय कॉलेज, शिलांग, मेघालय, आईआईटी, मद्रास, तमिलनाडु, पटना विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग तथा महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी आदि के विद्वानों की संगोष्ठी में होगी शिरकत।
सेमिनार की बेहतर तैयारी के उद्देश्य से बी एड (रेगुलर) के विभागाध्यक्ष डा अरविन्द कुमार मिलन की अध्यक्षता में आयोजन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें तैयारी को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में सेमिनार की सह संयोजिका डा निधि वत्स, डा शुभ्रा, डा कुमारी स्वर्णरेखा, डा मिर्जा रूहुल्लाह बैग, कुमार सत्यम, उदय कुमार, गोविन्द कुमार, डा जयशंकर सिंह, डा रेशमा तबस्सुम, किरण कुमारी, प्रसेनजीत राय, डा कुमारी बबीता रानी, सुनील कुमार गुप्ता, राजू कुमार तथा शुभग लाल दास आदि के साथ विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में संस्कृत- प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया की भी सहभागिता हुई।
संयोजक डा अरविन्द कुमार मिलन ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित हो रहे सेमिनार के सफल आयोजन हेतु 12 समितियां बनायी गई हैं। संगोष्ठी ऑफलाइन मोड में विश्वविद्यालय के मोती महल स्थित बी एड (नियमित) परिसर में होगी, जिसमें पूरे देश से संसाधन पुरुष, प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं शिक्षाप्रेमी भाग ले रहे हैं।
वहीं संगोष्ठी की सह संयोजिका डा निधि वत्स ने बताया कि सेमिनार में उद्घाटन एवं समापन सत्रों के अलावे कई तकनीकी सूत्रों का भी आयोजन किया जाएगा। सेमिनार हेतु अब तक 600 से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुका है, जबकि ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन का भी प्रावधान रखा गया है।