-कैंसर की जागरुकता को लेकर बासोपट्टी पीएससी में आशाओं का हुआ उन्मुखीकरण
-टाटा मेमोरियल मुंबई की इकाई जिले में कैंसर मरीजों का कर रहा इलाज
-अब तक 15 हजार से अधिक लोगों की हुई स्क्रीनिंग,19 कन्फर्म कैंसर के मरीज
#MNN@24X7 मधुबनी/16 दिसंबर। कैंसर रोग जागरूकता को लेकर पंडोल पीएचसी में कैंसर स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन किया गया व बासोपट्टी पीएससी में हरलाखी के 60 आशाओं का उन्मुखीकरण किया गया. आशाओं के उन्मुखीकरण के दौरान उन्हें कैंसर की संभावित लक्षणों की जानकारी दी गई साथ ही जानकारी दी गई कि कैंसर जैसी भयावह बीमारी भी अब लाइलाज नहीं है। समय पर इसकी पहचान होने पर इसका इलाज किया जा सकता है। वहीं पंडोल पीएचसी में 50 से अधिक लोगों की जांच की गई जिसमें एक ओरल कैंसर के संदिग्ध मरीज चिन्हित किया गया।
टाटा मेमोरियल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने कहा कि मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर उसे बेहतर चिकित्सा के लिए होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर जो टाटा स्मारक केंद्र मुंबई की इकाई है में भेजा जाता है , जहां लोग अपना कैंसर का इलाज करवा सकते हैं। उन्होंने बताया जिले में अब तक 15000 से अधिक लोगों का स्क्रीनिंग किया गया है जिसमें 19 कैंसर के कंफर्म मरीज मिले हैं. इस दौरान उपस्थित लोगों के मुँह, सर्वाइकल आदि की जांच करते हुए उन्हें कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक खान-पान का ध्यान रखने की सलाह दी गई।
टाटा मेमोरियल मुंबई की इकाई जिले में कैंसर रोगियों की कर रही है स्क्रीनिंग :
जिले में टाटा मेमोरियल मुंबई की इकाई कैंसर रोगियों की स्क्रीनिंग कर रही है जिसकी मुख्य इकाई मुजफ्फरपुर में है होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुज्जफरपुर टाटा स्मारक केंद्र, मुंबई की इकाई है जो परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा अनूदित है। यह टाटा मेमोरियल की सबसे नई इकाई है जिसकी शुरुआत 4 फरवरी 2021 को की गई थी इतने कम समय में ही होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल और अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर ने बिहार में कैंसर के इलाज के साथ रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए है। होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर में सर्जिकल ओंको, गायनिक ओंको, मेडिकल ओंको, ब्रेस्ट ओंको और हेड एन नेक ओंको की सुविधाएं हैं। होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ रविकांत सिंह के अनुसार कि उत्तर बिहार के लोगों को कैंसर के इलाज के लिए पहले अन्यत्र जगहों पर पलायन करना पड़ता था और इसमें कई ऐसे लोग होते है जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं होते उनके लिए टाटा स्मारक केंद्र ने मुजफ्फरपुर में अपनी इकाई खोली है ताकि सब्सिडी रेट में उनका इलाज सम्भव हो सके। इसके लिए अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी योजना के लाभ भी प्रदान कराने में मदद करती है।
शरीर का कोई भी भाग हो सकता है कैंसर का शिकार
जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एस.पी सिंह ने बताया कि शरीर का कोई भी भाग कैंसर का शिकार हो सकता है। सामान्यतः लोग मुँह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर या महिला वर्ग में स्तन कैंसर के शिकार हो जाते हैं। शरीर के किसी भी अंग में सूजन का होना, गांठ या कड़ापन पाया जाना, तिल/मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन, शरीर के किसी घाव का न भरना, लगातार बुखार और वजन में कमी होना, मूत्र विसर्जन में कठिनाई होना या उस दौरान रक्त निकलना, 03 सप्ताह के अधिक खांसी होना या आवाज में परिवर्तन आना, मुँह में अधिक समय तक छाला या पैच का होना जो ठीक नहीं हो रहा हो, 4-6 सप्ताह या उससे ज्यादा समय तक पतला दस्त का होना, महिलाओं में स्तन के आकार में परिवर्तन या रक्त का रिसाव, रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्तस्राव का होना इत्यादि कैंसर के सामान्य लक्षण हैं। अगर किसी व्यक्ति को शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवानी चाहिए। समय पर कैंसर की पहचान होने से इसका इलाज आसानी से सम्भव है।