कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह की अध्यक्षता में जुबली हॉल में आयोजित कार्यशाला को प्रति कुलपति तथा कुलसचिव ने किया संबोधित
‘आंतरिक परीक्षा का प्राप्तांक पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराने के निमित्त’ कार्यशाला परीक्षा विभाग के तत्वावधान में संपन्न
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की कार्यपद्धति में सुधार एवं बदलाव की प्रक्रिया चल रही है। यदि समस्याएं प्रारंभिक अवस्था में ही दूर हो जाए तो आगे काफी सुविधा होती है। आंतरिक एवं प्रायोगिक परीक्षाओं के अंक पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध होने से परीक्षा परिणाम में शीघ्रता, त्रुटियों में न्यूनता के साथ ही आएगी पूर्ण पारदर्शिता। इस तकनीकी पद्धति को अपनाकर हमलोग स्नातक तृतीय खण्ड के परीक्षा परिणाम सफलता से दे रहे हैं। आज की कार्यशाला में प्रधानाचार्यों एवं विभागाध्यक्षों की समस्याओं को सुनकर उनका निदान भी किया जाएगा। उक्त बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के परीक्षा विभाग द्वारा जुबली हॉल में “आंतरिक परीक्षा का प्राप्तांक पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराने के निमित्त” आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि आज के डेमो के माध्यम से पोर्टल से संबंधित सभी जानकारियां प्राप्त करें। फिर भी कठिनाई हो तो विश्वविद्यालय की तकनीकी टीम से बात कर सकते हैं। यदि हमारे सभी प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं कर्मी चैतन्य होकर सावधानी से काम करेंगे तो किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने प्रधानाचार्यों एवं पीजी विभागाध्यक्षों से कहा कि अपने विश्वासी एवं योग्य व्यक्तियों से ही सीआईए एवं प्रायोगिक परीक्षाओं के अंक पोर्टल पर चढ़ावायेंगे, ताकि छात्रों एवं विश्वविद्यालय को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
कुलपति ने कहा कि परीक्षा हॉल में छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं पर भरे हुए परीक्षा क्रमांक आदि को वीक्षक सही से जांच कर ही उसपर अपना हस्ताक्षर करें। वहीं केन्द्राधीक्षक की भी जिम्मेदारी है कि वे छोटी- छोटी गलतियों को परीक्षा केन्द्र पर ही दूर करवा लें। उन्होंने सुझाव दिया कि पोर्टल पर अंक अपलोड करते समय सबसे पहले अनुपस्थित परीक्षार्थियों से संबंधित कॉलमों को भरने के बाद यदि उपस्थित परीक्षार्थियों के अंक चढ़ाएं जाए तो गलतियों की संभावनाएं बहुत ही कम होंगी। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अच्छे सुझावों एवं बेहतर बदलावों के लिए हमेशा तैयार है तथा शोध को उन्नत करने हेतु गंभीरता से प्रयासरत है।
प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में भी तकनीक के अधिक उपयोग की बात कही गई है। इस पद्धति के चालू होने से प्रधानाचार्यों एवं विभागाध्यक्षों के माध्यम से पोर्टल पर अंक पोस्ट किए जाने से जहां गलतियां कम होगी, वहीं परीक्षा परिणाम भी शीघ्रता से आ सकेंगे। इससे छात्रों को काफी लाभ होगा। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे छात्रों को अधिक से अधिक जरूरी बातें शेयर करें तथा उन्हें अच्छी बातें समझाएं।
प्रति कुलपति ने सदस्यों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए नववर्ष में उन्हें स्वस्थ रहकर विश्वविद्यालय की प्रगति में अपने पूर्ण सहयोग का आह्वान किया तथा बताया कि कुलपति प्रोफेसर सिंह का विजन क्लियर है। वे सबके हित में इस तरह के महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।
सदस्यों का स्वागत एवं विषय प्रवेश कराते हुए कुलसचिव प्रोफ़ेसर मुश्ताक अहमद ने कहा कि पोर्टल के माध्यम से अंक उपलब्ध कराना छात्र, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के हित में सुविधाजनक एवं पारदर्शी माध्यम है। कार्यशाला में इस व्यवस्था के तकनीकी पक्षों की जानकारी भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि निर्धारित अवधि तक पोर्टल खुला रहेगा, तभी तक उसमें अंक व सूचनाएं डालनी होगी। उसके बाद यदि छात्रों की सूचनाएं छूटती है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाचार्य एवं विभागाध्यक्ष की होगी। यदि छात्र बाद में विश्वविद्यालय आकर दबाव देंगे तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा। विश्वविद्यालय इस मामले में दृढ़ एवं गंभीर है। समय बीत जाने पर पोर्टल बंद हो जाएगा। इस पद्धति में बहुत कठिनाइयां नहीं हैं। फिर भी विशेषज्ञों के 3- 4 हेल्प नंबर जारी किए जाएंगे।
कुलसचिव ने प्रधानाचार्यों से छात्रहित में पूर्ण सहयोग की अपील करते हुए कहा कि कॉलेज ही छात्रों के परीक्षा परिणाम आदि से संबंधित सभी आवेदन पत्र जरूरी अंक पत्रों के साथ लेकर विश्वविद्यालय भेजेंगे, ताकि उनकी समस्याओं का निराकरण शीघ्र किया जा सके। बेगूसराय जिला के प्रधानाचार्य एवं छात्र जी डी कॉलेज में खुले विश्वविद्यालय के उपकेन्द्र पर ही आवेदन जमा करेंगे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय जिलानुसार तिथि तय कर छात्रों की समस्याओं का निराकरण करेगा।
सी एम साइंस कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो दिलीप कुमार चौधरी के एक प्रश्न के उत्तर में कुलसचिव ने बताया कि यूजी तथा पीजी के नामांकन एवं अपडेशन की अंतिम तिथि को हर हालत में पोर्टल पर नामांकन को अपडेट कर देंगे। यदि इसमें किसी प्रकार की कठिनाई हो तो उसी दिन ईमेल के द्वारा डीएसडब्ल्यू कार्यालय को अवगत करा देंगे, ताकि ससमय अगली सूची जारी की जा सके।
कार्यशाला में स्नातकोत्तर अध्ययन वाले सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य, स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष तथा उनके तकनीकी कर्मी, परीक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी आदि उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र के उपरांत प्रति कुलपति की अध्यक्षता में तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के आईटी सेल के सहयोग से विशेष प्रशिक्षण दिया गया। वहीं डा बीरेन्द्र कुमार चौधरी, डा राम अवधेश सिंह, प्रो जितेन्द्र नारायण, डा विश्वदीप त्रिपाठी, डा धीरेन्द्र कुमार तथा प्रो राजेन्द्र साह आदि द्वारा किए गए प्रश्नों का समुचित उत्तर कुलपति, कुलसचिव तथा डा अवनि रंजन सिंह ने दिया।
दूरस्थ शिक्षा केन्द्र के निदेशक प्रो अशोक कुमार मेहता के कुशल संचालन में आयोजित कार्यशाला में धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डा आनंद मोहन मिश्र ने किया।