#MNN@24X7 बिहार विधानसभा के उप मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने आज दिनांक -01.02.23 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये बजट को निराशाजनक करार दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में न तो बेरोज़गारी कम करने के लिए रोजगार सृजन के उपायों का कोई प्रस्ताव है, और न ही किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने हेतु कृषि उत्पादन पर आधारित उद्योगों की स्थापना आदि का कोई प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत का वेतनभोगी वर्ग एवं मध्यम वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से अपने प्रत्यक्ष कर से संबंधित कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है। विधानसभा के उप मुख्य सचेतक ने आरोप लगाया कि यह वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात है।
उन्होंने बिहार को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा, कि बिहार के लोगो को उम्मीद थी कि बिहार को विशेष पैकेज मिलेगा। लेकिन ये भी जुमला करार हुआ। यह बजट केवल “वोट का हिसाब -किताब ” है। यह बजट उम्मीदों पर बिलकुल भी खरा नहीं उतरा। एक तरह से यह बजट मायूस करने वाला ही है।