#MNN@24X7 पचरुखी, सिवान। जन सुराज पदयात्रा के 156वें दिन की शुरुआत सिवान जिले के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद स्टेडियम स्थित पदयात्रा शिवर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा सिवान नगर पंचायत, हरदिया होते हुए पचरुखी प्रखंड अंतर्गत पापौर पंचायत के बिरेस प्रसाद हाउस में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सिवान में आज 29वां दिन है और जिले में वो अभी 3-4 दिन और रुकेंगे। इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाएंगे। उनकी समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 3 आमसभाओं को संबोधित किया और 4 पंचायत के 4 गांवों से गुजरते हुए 16 किमी की पदयात्रा तय की।
दलितों के बाद अल्पसंख्यकों की स्थिति सबसे खराब, लालटेन में किरासन तेल की तरह जल रहे अल्पसंख्यक।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग वोट के दिन मुख्य रूप से चार मुद्दे पर ही वोट करते हैं। पहला जात के नाम पर जो उनकी जात का है उसको वोट दे देते हैं। जो इससे बच जाता है, वो हिन्दू- मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान और पुलवामा के नाम पर वोट करते हैं, और संकल्प कर लेते हैं कि इस बार भाजपा को वोट नहीं करेंगे। लेकिन चुनाव के 5 दिन पहले हल्ला होता है कि सब हिन्दू एक हो जाओ मुस्लिम नहीं जीतना चाहिए।सब हिन्दू एक होकर मोदी जी के भाजपा को वोट दे देते हैं और जो जात और धर्म से बच जाता है वो लोग लालू जी से डर कर भाजपा को वोट दे देते हैं, क्योंकि लालू जी के समय घर में घुस कर अपराधी गोली मार कर, अपहरण कर चले जाते थे। 4 बजे शाम में कोई लूटपाट न कर ले इस डर से लोग घर छोड़ कर भाग जाते थे। इसी डर से लोग लालू यादव के RJD को वोट न देकर मजबूरी में BJP को वोट दे रहे हैं। चौथी श्रेणी अल्पसंख्यकों कि है, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कहना है कि जिंदा रहे या ना रहे भाजपा को तो वोट नहीं कर सकते हैं और बिहार में तो दो ही दल है नीतीश कुमार का तो कोई दल ही नहीं बचा, कभी लालटेन पकड़ कर लटक रहे है, तो कभी कमल के फूल पर बैठ तैर रहे हैं। मुस्लमान कह रहा हैं कि हमारे बच्चों की चाहे कैसी भी दुर्दशा हो लेकिन भाजपा को वोट दे नहीं सकते हैं और लालटेन ही बचता है और अल्पसंख्यक के बच्चों लालटेन में किरासन तेल की तरह जल रहें हैं।
जन सुराज वो विकल्प है जहां आप आपने बच्चों के लिए खड़े होकर एक नई राजनीतिक व्यवस्था बना सकते हैं: प्रशांत किशोर।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के राजनैतिक दल, दल नहीं है वो तो आपके और आपके बच्चों पर परिवार का शासन है। यदि दल बनाना है, तो परेशानी आपकी है तो दल आपको ही बनाना पड़ेगा। इसके लिए ही पदयात्रा कर रहे हैं कि बिहार में से उन लोगों को ढूंढ कर निकालें, जो आपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए नया विकल्प और नई व्यवस्था बनाना चाहता है। आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि जब मैं लोगों से पूछता हूं कि आपने दल क्यों नहीं बनाया है? तो लोग कहते है कि संसाधन नहीं है, व्यवस्था नहीं हैं। कोई बताने वाला नहीं है तो मैं कहता हूँ कि जन सुराज दल नहीं है, जन सुराज वो व्यवस्था है वो विकल्प है जिसमे आपको कैसे राजनीति करनी है वो बताया जाएगा, आपको संसाधन की चिंता नहीं करनी है आपको चुनाव कैसे लड़ना है उसकी चिंता नहीं करनी है, वो चिंता आप अपने भाई और आपने बेटे प्रशांत किशोर पर छोड़ दीजिए, लेकिन कम से कम अपने और अपने बच्चे के लिए खड़े तो होइए।