व्यावहारिक शब्दों का संस्कृत में प्रतिदिन चिन्तन कर बने सम्भाषण में दक्ष – प्रो.झा।
म.अ. रमेश्वरलता संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत सम्भाषण वर्ग की हुई शुरुआत।
20 घंटे के इस शिक्षण से लोग धाराप्रवाह संस्कृत में बोलना करेंगे शुरु।
महाविद्यालय के अतिरिक्त चार दर्जन से अधिक शहर के लोग पंजीकरण कराकर ले रहें है सम्भाषण का प्रशिक्षण।
#MNN@24X7 दरभंगा, संस्कृत भाषा सभी भाषाओं की जननी है। संसार के जितने भी गूढ़ बातें है वह संस्कृत शास्त्रों में निबद्ध है। इसके लिए संस्कृत का ज्ञान होना आवश्यक है। संस्कृत सम्भाषण के द्वारा हमें शास्त्राध्ययन में भी सहायता मिलती है। आवश्यकता है मनोयोग से इस भाषा का अध्ययन करने का। ये बातें कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने संस्कृत सम्भाषण वर्ग के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा। मंगलवार को दरभंगा शहर स्थित म.अ. रमेश्वरलता संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में संस्कृत सम्भाषण वर्ग में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए वीसी प्रो. झा ने कहा कि सम्भाषण में दक्षता हासिल करने के लिए व्यावहारिक जीवन के शब्दों को संस्कृत में ही चिन्तन तथा संस्कृत में ही भाषण करना चाहिए। इससे हमारी लक्ष्य की त्वरित पूर्ति होगी।
मुख्यातिथि सह प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने कहा कि भाषा प्रयोगशाला के रूप में यह सम्भाषण वर्ग लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने इस महाविद्यालय के छात्रों के गुणवत्ता संवर्धन की दृष्टि से स्त्रोत्रपाठ,संस्कृत गीत आदि अन्य पाठ्य सहगामिक्रियाओं का भी आयोजन करने को कहा।
विशिष्टातिथि सह संस्कृत भारती के प्रान्त मन्त्री डॉ.रमेश कुमार झा ने संस्कृत सम्भाषण वर्ग के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए छात्रों के कौशल संवर्धन की दृष्टि से संस्कृत भारती द्वारा किये जा रहे कार्यों का चित्रण किया। सारस्वतातिथि सह धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा ने संस्कृत भाषा के महत्त्व को रेखांकित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दिनेश झा ने कहा कि छात्रों में स्फुर्ति जागृति करने के लिए यह सम्भाषण वर्ग छात्रों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को नियमित इस वर्ग में सम्मिलित होकर अधिक से अधिक लाभ उठाने की बातें कही।
कार्यक्रम की शुरुआत राधारमण झा के वैदिक मंगलाचरण से हुई। ध्येयमन्त्र काजल कुमारी तथा स्वागत गीत नयन कुमार झा ने प्रस्तुत की। आगत अतिथियों का स्वागत डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ.रामसेवक झा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निशा ने की। वहीं सम्भाषण वर्ग के नियमों को संस्कृत भारती, दरभंगा जिला शिक्षण प्रमुख डॉ.संजीत कुमार झा ने बताया। वर्ग प्रशिक्षक अमित कुमार झा द्वारा प्रथम दिन के पाठबिन्दु का प्रवर्धन किया गया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यपक डॉ.पवन कुमार झा,डॉ.ममता पाण्डेय, डॉ.शालिनी त्रिपाठी, डॉ.मैथिली कुमारी, डॉ. मुकेश कुमार निराला, डॉ.प्रशान्त कुमार प्रसून,पंकज मोहन झा,मगन कुमार झा,मनोज राम,दीपक कुमार,अंकित कुमार झा सहित महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं सम्मिलित थे। कार्यक्रम की समाप्ति डॉ.विजय कुमार मिश्र द्वारा प्रस्तुत कल्याण मन्त्र से हुई।
सम्भाषण वर्ग के संयोजक ने बताया कि 6 दर्जन से अधिक लोग इस सम्भाषण वर्ग में सम्मिलित है। प्रतिदिन यह वर्ग दो से तीन बजे तक महाविद्यालय के सभागार में चलेगा। अलवत्ता शहर में इस तरह के सम्भाषण वर्ग को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।
फोटो- म.अ. रमेश्वरलता संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में संस्कृत सम्भाषण वर्ग का उद्घाटन करते केएसडीएसयू के कुलपति प्रतिकुलपति एवं प्रान्तमन्त्री।