#MNN@24X7 दरभंगा, 18 अप्रैल, मुख्य सचिव, बिहार आमिर सुबाहनी की अध्यक्षता में ए.ई.एस/जे.ई. (चमकी बुखार) से बचाव एवं उपचार को लेकर ऑनलाइन राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की गई।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार के सचिव संजय कुमार सिंह ने बताया कि तिरहुत एवं सारण प्रमंडल के सभी जिले सहित पटना, समस्तीपुर एवं दरभंगा कुल 12 जिले ए.ई.एस /जे.ई. से प्रभावित रहते हैं।

मुजफ्फरपुर एवं पूर्वी चंपारण जिले में सबसे ज्यादा मामले आते हैं, अभी तक ए.ई.एस के 16 मामले आ चुके हैं, जिनमें 10 मुजफ्फरपुर के हैं।

ए.ई.एस. यानि मस्तिष्क ज्वर की मार्गदर्शिका सभी जिलों को उपलब्ध कराया जा चुका है, आकस्मिक स्थिति के लिए एसकेएमसीएच में 100 बेड का पीकू वार्ड, 60 बेड का इंसेफेलाइटिस वार्ड एवं 100 बेड का (एमसीएच) मदर चाइल्ड वार्ड तैयार रखा गया है।

सदर अस्पताल में 100 बीएड एम.सी.एच. का उपलब्ध है,आकस्मिक समय मे जिनका उपयोग किया जा सकता है।

सभी अस्पताल में मस्तिष्क ज्वर के इलाज के लिए वांछित दवाएं एवं उपकरण उपलब्ध हैं तथा प्रभावित होने वाले जिलों में सुबह सभी प्रतिनियुक्त डॉक्टरों की उपस्थिति राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम से कॉल करके ली जा रही है।

बताया गया कि दरभंगा के चार डॉक्टरों के मोबाइल स्विच ऑफ, दो का नोट रिसीव तथा एक का नोट कॉल कनेक्टेड पाया गया।

मुख्य सचिव ने  प्रातः में चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश सभी संबंधित जिलाधिकारी को दिए।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि 102 व 104 न0 वाले राज्य में कुल 697 एंबुलेंस कार्यरत हैं, इसके अतिरिक्त भी वाहनों की व्यवस्था की गई है जिन्हें कॉल करके बुलाया जा सकता है।

सचिव महोदय ने कहा कि सभी जिले अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ए.ई.एस. वार्ड में ए.सी. लगवा लें।
उन्होंने कहा कि आईसीडीएस के द्वारा मस्तिष्क ज्वर के जागरूकता व वचाव के लिए पूरी तैयारी की गई है।

समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री प्रेम सिंह मीणा द्वारा आईसीडीएस द्वारा की गई तैयारी से मुख्य सचिव को अवगत कराया गया।

बताया गया कि ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, पीएचइडी विभाग, अनुसूचित जाति/ जनजाति कल्याण विभाग, परिवहन विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग, पशु एवं मत्स्य विभाग से भी इसमें सहयोग प्राप्त किया जा रहा है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे जागरूकता कार्य से अवगत कराया।

मुख्य सचिव ने हीट स्ट्रोक के इलाज की व्यवस्था सभी अस्पताल में रखने एवं इसके लिए वातानुकूलित हीटस्ट्रोक वार्ड रखने के निर्देश दिए तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर इसके उपचार के संबंध में प्रशिक्षण दिलवाने का भी निर्देश दिया।

बैठक के दौरान ही जिलाधिकारी दरभंगा श्री राजीव रौशनने सिविल सर्जन दरभंगा को उन सभी चिकित्सा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण करने के निर्देश दिए, जिनका मोबाइल राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम से कॉल करने पर बंद पाया गया या जिनसे संपर्क नहीं हो सका।

दरभंगा एनआईसी से जिलाधिकारी दरभंगा श्री राजीव रौशन, सहायक समाहर्ता सूर्य प्रताप सिंह, प्राचार्य डीएमसीएच, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ.अनिल कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी समर बहादुर सिंह, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस डॉ.रश्मि वर्मा, डीपीएम जीविका का ऋचा गार्गी एवं संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।