#MNN@24X7 जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के चेहराकला प्रखंड में पदयात्रा शिविर में प्रशांत किशोर ने स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जन सुराज अभियान ना तो सामाजिक आंदोलन है और ना ही समाज में क्रांति लाने का अभियान है। लोगों का मानना है कि समाज में व्यवस्था परिवर्तन के लिए आंदोलन और क्रांति की ज़रूरत होती है लेकिन मेरा आंदोलन और क्रांति में कोई विश्वास नहीं है। दुनिया भर में मानव सभ्यता के इतिहास को ध्यान से देखा जाए तो ये पता चलेगा कि आंदोलन और क्रांति से किसी भी समाज की स्थिति नहीं सुधरी है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन और क्रांति से बड़े से बड़े शासक को सत्ता से हटा सकते हैं लेकिन नई व्यवस्था नहीं बना सकते। आंदोलन और क्रांति तेज हथियार की तरह है तेज़ हथियार से बड़े से बड़े पेड़ को काटा जा सकता है लेकिन तेज़ हथियार से छोटे पौधे को बड़ा पेड़ नहीं बनाया जा सकता हैं। बिहार में जेपी आंदोलन हुआ तो उससे इंदिरा गांधी की सरकार चली गई, लेकिन उससे देश की व्यवस्था नहीं बदली।