-मार्च तक 369 मरीजों को मिली फूड बास्केट।
-निक्षय मित्र बन निभाएं अपनी सामाजिक भागीदारी।
#MNN@24X7 मधुबनी/ 28 अप्रैल। भारत सरकार ने देश से टीबी की बीमारी को हराने का संकल्प लिया है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए निक्षय मित्र योजना की भी शुरुआत की गई है। योजना की खास बात ये है कि टीबी के खिलाफ इस लड़ाई में आम आदमी भी अपना योगदान दे सकता है। टीबी बीमारी से ग्रसित मरीजों को योजना के माध्यम से पौष्टिक आहार दिया जाता है। मरीजों को 6 महीने तक पोषण आहार के रूप में खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है।
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. जीएम ठाकुर ने बताया बहुत से मरीज पैसे के अभाव में इस तरह की पौष्टिक आहार नहीं खरीद पाते हैं। परंतु लोगों के सहयोग से उन्हें इस तरह का खाद्य पदार्थ प्राप्त हो रहा है। कोई भी व्यक्ति निक्षय मित्र बनकर जरूरतमंद एवं गरीब टीबी के मरीजों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा सकते हैं। योजना के तहत 31 मार्च तक जिले में निक्षय मित्र के द्वारा 369 मरीजों को फूड बास्केट का वितरण किया गया है। जो वर्तमान में राज्य में तीसरे स्थान पर है। वहीं प्रथम स्थान पर मुंगेर तथा दूसरे स्थान पर समस्तीपुर जिला है।
क्या है निक्षय मित्र योजना:
डीपीसी पंकज कुमार ने बताया निक्षय मित्र योजना एक तरह से क्षय यानि टीबी रोग से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है। इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई व्यक्ति भी टीबी के मरीज को गोद ले सकता है, ताकि वह उसका उचित इलाज करा सके। इस अभियान के तहत व्यवस्था की गई है कि निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण, आजीविका के स्तर पर जरूरी मदद उपलब्ध करा सकते हैं। लोग सामाजिक दायित्व के तहत मरीजों के इलाज और खानपान का खर्च उठा सकेंगे। निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay. in पर लॉगिन करने के बाद प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक कर निक्षय मित्र पंजीयन फॉर्म पर क्लिक कर अपनी पूरी जानकारी देने के बाद ही इस अभियान से जुड़ा जा सकता है। इसके अलावा निक्षय हेल्प लाइन नंबर- 1800116666 पर कॉल कर के विस्तृत जानकारी ली जा सकती है।
निक्षय मित्र एक साकारात्मक पहल:
एसटीएस भवन नारायण कंठ ने कहा कि यह सरकार की अच्छी पहल है। यदि टीबी पीड़ित मरीजों को गोद लिया जाए और थोड़ी सहायता की जाए तो हमलोग जिले से टीबी बीमारी को मिटाने में अहम योगदान निभा सकते हैं। उन्होंने बताया टीबी मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। ऐसे में दवा के साथ साथ सही पोषण मिले तो वो टीबी बीमारी से लड़ने में मदद करेगा।