-प्री एमडीए के राज्य टीओटी में पटना में हुए सम्मानित।
-फाइलेरिया के प्रति जागरूकता जरूरी।
#MNN@24X7 पटना में हुए प्री एमडीए टीओटी के उद्घाटन पर मधुबनी के जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर सहयोग, मरीजों की लाइन लिस्टिंग तैयार करने, जिले में फाइलेरिया क्लीनिक स्थापना, प्रत्येक ब्लॉक में एमएमडीपी किट उपलब्ध करवाने, जिला स्तर पर हाइड्रोसील के मरीजों का ऑपरेशन की व्यवस्था करवाने, सर्वजन दवा सेवन में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रशस्तिपत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। विदित हो कि जिले के सदर अस्पताल में 2 फरवरी को फाइलेरिया क्लिनिक का उद्घाटन किया गया था। तब से लेकर अब तक 74 हाइड्रोसील के मरीजों का ऑपरेशन किया जा चुका है। वहीं फाइलेरिया (हाथीपांव )मरीजों की देखभाल के लिए सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी में रुग्नता प्रबंधन एवं विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी )फाइलेरिया क्लिनिक शुरू किया गया है । जिसके माध्यम से फाइलेरिया से बचाव, उपचार तथा लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाती है। वर्तमान मे जिले में फाइलेरिया के 1400 से अधिक मरीज हैं।
10 अगस्त से जिले में सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम का आयोजन:
लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्यस्तर पर प्री एमडीए के लिए टीओटी का आयोजन किया गया था । कार्यक्रम में फाइलेरिया के प्रति जागरूक करने और सरकार द्वारा चलाए जाने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई। अभियान से पूर्व जिले से दो मास्टर ट्रेनर को राज्य मुख्यालय में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद मास्टर ट्रेनर सभी ब्लॉक में कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे । प्रशिक्षण के बाद सभी प्रखंड में दो स्थान का चयन किया जाएगा। जिसमें प्रत्येक प्रखंड में एक फिक्स व दूसरा रैंडम साइट चुनाव किया जाएगा। प्रत्येक साइट से 300 स्लाइड (रक्त पट्ट संग्रह) कुल 600 सैंपल लिया जाएगा। इसी के आधार पर अभियान के लिए ब्लॉक का चुनाव किया जाएगा। ये सभी कार्य 30 जून तक खत्म करना है। उसके बाद इसी आधार पर 10 अगस्त से जिले में सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
फाइलेरिया के प्रति जागरूकता जरूरी :
फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है। जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसील (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर मुफ्त दवा खिलायी जाएगी । लोगों को इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वयं और अपने परिवार को फाइलेरिया से सुरक्षित करना चाहिए।
राज्यस्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा, वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन , जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास,केयर इंडिया के डीपीओ धीरज कुमार सिंह,लक्ष्मीकांत उपस्थित थे।