#MNN@24X7 कानपुर, आपको आरिफ और सारस की कहानी तो याद होगी, जिसने सारस को बचाया और उसकी देखभाल की।आरिफ खान ने पिछले साल घायल सारस को खेत में पाया और उसकी देखभाल की।कुछ दिनों बाद दोनों पक्के दोस्त बन गए।आरिफ जहां जाता था सारस भी उसके पीछे लग जाता था।इसके बाद सारस को कानपुर चिड़िया घर में रखा गया। अब उस सारस को लेकर एक और खबर आई है।

मैगी से कच्चे भोजन की ओर शिफ्ट हो रहा सारस।

अमेठी जिले के जामो के मोहम्मद आरिफ के साथ एक साल से अधिक समय तक रहने वाले सारस को अब कानपुर चिड़ियाघर में जंगल के तौर-तरीकों से तालमेल बिठाना सिखाया जा रहा है। चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक सारस पके हुए भोजन से धीरे-धीरे कच्चे भोजन की ओर शिफ्ट हो रहा है।अब इसे जंगल में पुनर्वास के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।सारस को मैगी, दाल, चावल और खिचड़ी जैसे पके हुए भोजन खाने की जगह धीरे-धीरे जंगली पक्षियों के लिए अधिक उपयुक्त कच्चा आहार खाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।अब तक सारस को उपयुक्त आहार के अनुकूल बनाने में 80 प्रतिशत सफलता प्राप्त कर चुके हैं। अब वह कच्चे अनाज, कीड़े, क्रस्टेशियन, पालक, जलकुंभी आदि खाने लगा है। 25 मार्च को अपने आगमन के बाद से सारस एक बाड़े में रह रहा है।

चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक सारस के पूरी तरह से ठीक हो जाने के बाद, उसे जंगल भेज दिया जाएगा।सारस ने आरिफ के साथ एक साल बिताया, इसलिए उसे जंगल में पुनर्वासित करने में अधिक समय लगेगा। सारस अभी भी वन्य जीवन के बजाय मानवों के साथ रहने को पसंद कर रहा है।

बता दें कि आरिफ के साथ रहने के दौरान सारस उसके साथ खेतों तक जाता था और परिवार के सदस्य की तरह रहता था। पिछले महीने आरिफ ने कानपुर चिड़ियाघर में सारस से मुलाकात की थी। आरिफ अधिकारियों से सारस को अपने पास रखने की अनुमति देने की गुहार लगा रहा है, लेकिन उसके अनुरोध को ठुकरा दिया गया है।

(सौ स्वराज सवेरा)