#MNN@24X7 लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के महानगर थाना क्षेत्र में बादशाह नगर मेट्रो स्टेशन के बगल ट्रिनिटी स्क्वायर कॉम्प्लेक्स में शनिवार सुबह भीषण आग लग गई।कुछ ही देर में पूरी बिल्डिंग में धुआं भरने से हड़कंप मच गया।बिल्डिंग में मौजूद छात्र समेत अन्य लोगों ने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन धुआं से मुख्य रास्ते से निकलना मुश्किल था। मौके पर पहुंची महानगर पुलिस ने दमकल को सूचना दी और सभी दफ्तरों में जाकर बताया। पुलिस ने लगभग आधे घंटे में पार्किंग के रास्ते से सभी को बाहर निकाला।सूचना पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने कांच तोड़करऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर अंदर पहुंचे। 10 गाड़ियों की मदद से लगभग ढाई घंटे में आग पर काबू पाया।
बादशाह नगर में ट्रिनिटी स्क्वायर कॉम्प्लेक्स की पहली मंजिल पर उदयगंज के संजय अग्रवाल की आक्रिटेक्चर लाइटिंग कांसेप्ट के गोदाम में सुबह लगभग 11 बजे आग लग गई। देखते ही देखते आग विकराल हो गई।प्लास्टिक से निकलने वाला दम घुटने वाला धुआं भर गया।वहां पर मौजूद लोग तुरंत बाहर की तरफ भागे, लेकिन बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से में मौजूद लोगों को नहीं बताया गया।
आग की सूचना मिलने पर महानगर इंस्पेक्टर प्रशांत मिश्रा अपनी टीम के साथ पहुंचे तो ऊपर के हिस्से में स्थित ऑफिस में मौजूद लोगों को आग की सूचना देकर सभी को पार्किंग के रास्ते से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।आईबीएलआईबी एजुकेशन के शुभम ने बताया कि ऊपर के हिस्सें में इतना धुआं नहीं पहुंचा था। पुलिस ने समय रहते आग की जानकारी दी तो सभी लोग बाहर निकले, नहीं तो कई लोग फंस जाते।
मौके पर पहुंचे सीएफ मंगेश कुमार, हजरतगंज, चौक, इंदिरानगर, गोमतीनगर समेत अन्य फायर स्टेशन के दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन अंदर जाना मुश्किल था। धुआं निकलने की जगह तक नहीं थी। इसपर बिल्डिंग की पहली मंजिल के कांच को तोड़ा और दमकल कर्मी अंदर पहुंचे और 10 गाड़ियों की मदद से लगभग ढाई घंटे में आग पर काबू पा लिया। सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि आक्रिटेक्चर लाइटिंग कांसेप्ट के गोदाम में लाइट पैनल में आग लगी थी। गत्ता और फॉलसीलिंग से आग ने विकराल रूप ले लिया। हालांकि कोई जनहानी नहीं हुई।
बता दें कि बिल्डिंग में आग लगते ही वहां मौजूद लोगों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन उनके पास उचित इंतजाम न होने की वजह से आग पर काबू नहीं पा सके।आग से बचाव के लिए कोई उपाय नहीं। अग्निशमन उपकरण तक नहीं थे। पूरी बिल्डिंग में रोजाना डेढ़ से दो सौ लोग मौजूद रहते हैं।शनिवार होने की वजह से कुछ ऑफिस समय से खुले नहीं थे।
(सौ स्वराज सवेरा)