-लोगों की जागरूकता से ही खत्म होगा फाइलेरिया : डीभीबीडीसीओ।
-20 सितंबर से लोगों को खिलाई जाएगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा।
#MNN@24X7 मधुबनी ,लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत सर्व जन दवा वितरण कार्यक्रम के तहत जिले के चयनित प्रखंड बेनीपट्टी, विस्फी, पंडौल तथा शहरी क्षेत्र में 20 सितंबर से लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी. कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए रहिका प्रखंड के टीपीसी भवन में शहरी क्षेत्र के 1 से 45 वार्ड के आंगनबाड़ी सेविकाओं को डीभीबीडीसीओ डॉ.विनोद कुमार झा की अध्यक्षता में प्रशिक्षित किया गया प्रशिक्षण के दौरान लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करने और सरकार द्वारा चलाए जाने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई।
फाइलेरिया के प्रति जागरूकता जरूरी :
डॉ झा ने बताया फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर मुफ्त दवा खिलाएगी । लोगों को इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वयं और अपने परिवार को फाइलेरिया से सुरक्षित करना चाहिए।
फाइलेरिया से बचाव के लिए 5 साल तक लगातार साल में एक बार जरूर करें दवा का सेवन :
डॉ झा ने बताया किसी भी व्यक्ति को फाइलेरिया ना हो इसके लिए 5 साल तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन अनिवार्य रूप से करना चाहिए इस बीमारी के मरीज की मृत्यु नहीं होती लेकिन उसका जीवन बोझ हो जाता है इसका वाहक क्यूलेक्स मच्छर है अगर आज किसी व्यक्ति को संक्रमित करता है तो बीमारी के लक्षण आने में 5 से 10 या 15 साल तक का समय लग सकता है और जब तक बीमारी का पता चलता है तब तक काफी देर हो जाती है इससे बचना है तो दवा का सेवन जरूर करना चाहिए.
20 सितंबर से जिले में खिलाई जाएगी दवा:
फाइलेरिया उन्मूलन सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत 20 सितंबर से दवा खिलाई जाएगी. जिसमें डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी. 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं, प्रसव उपरांत 7 दिनों तक व गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है. कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी. खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है. दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खानी जरूरी है.अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है.
मौके पर लक्ष्मीकांत झा, पीसीआई के विशाल कुमार सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.