सूदखोरी के जकड़न में है बिहार का ग्रामीण समाज, सूदखोरी खत्म कराए सरकार।
#MNN@24X7 दरभंगा 27 सितंबर, पटना जिले के खुसरूपुर प्रखंड के मौसमपुर में एक दलित महिला की पिटाई और मुंह पर पेशाब करने की बेहद क्रूर व अमानवीय घटना के खिलाफ आज दरभंगा में भाकपा(माले) व ऐपवा द्वारा संयुक्त रूप से प्रतिवाद मार्च निकाला गया।
मार्च कमिश्नरी से निकलकर, समाहरणालय होते हुए लहेरियासराय टावर होते हुए पुन पोलो मैदान में आकर समाप्त हो गया।
मार्च का नेतृत्व माले नेता रंजन सिंह, कामेश्वर पासवान, शनिचर पासवान, उपेंद्र राम, ऐपवा नेत्री रानी शर्मा, हसीना खातून, अनुपम कुमारी ने किए।
इस अवसर पर ऐपवा नेत्री रानी सिंह ने कही की खुसरूपुर में जो घटना हुई वह मनुस्मृति वालों की घटिया मानसिकता का निकृष्ट उदाहरण है। कुछ लोग कह रहे हैं कि यह तो बिहार का मामला है इसमें भाजपा कहां से आती है। लेकिन असल सवाल लिया है कि दलित महिलाओं को अपमानित करने और उन्हें सबक सिखाने की यह क्रूर मानसिकता आखिर ताकत कहां से पा रही है। मणिपुर में एक महिला को जैसे नंगा करके घुमाया गया और केंद्र सरकार उसका संरक्षण करती रही इस कारण इस तरह की मानसिकता बन रही है। लोग देख रहे हैं कि देश में एक ऐसी सरकार चल रही है जो महिलाओं के बलात्कार, हत्या पर चुप रहती है।
आगे ऐपवा नेत्री ने कहा कि बिहार में सूदखोरी काफी गंभीर समस्या है इसके कुचक्र में दलित गरीब उलझे हैं। हमने बिहार सरकार से बार-बार कहा है की सूदखोरी का अंत होना चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं रहा।
माले नेता ने सरकार से मांग किया है कि सभी अपराधियों की अभिलंब गिरफ्तारी हो यदि अपराधी फरार हैं तो उनके घरों की तुर्की जपती की जाए एक ही अपराधी बचना नहीं चाहिए।
इस अवसर पर उमेश साह, ओणम कुमारी, देवेंद्र कुमार, हसीना खातून, रानी शर्मा, उपेंद्र राम, शनिचर पासवान, गंगा मंडल सहित कई लोग शामिल थे।