प्रशासनिक अनुभव का मिला लाभ : वीसी

मिथिला का आजीवन कर्जदार : डॉ त्रिपाठी

#MNN@24X7 दरभंगा, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलानुशासक एवम धर्मशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ श्रीपति त्रिपाठी आज सेवा निवृत्त हो गए। कुलपति डॉ शशिनाथ झा की अध्यक्षता में आयोजित विदाई सह सम्मान समारोह काफी लंबा चला। स्नातकोत्तर विभागों के अध्यक्षों के साथ साथ कर्मचारी संघ द्वारा कार्यक्रम में कई लोग भावुक हो गए। मौके पर कुलपति ने कहा कि डॉ त्रिपाठी के पास प्रशासनिक व शैक्षणिक अनुभव की खान है और इसका लाभ मुझे भी मिला। सेवाकाल में भी डॉ त्रिपाठी ने उनकी मदद की थी। वे दीर्घायु व स्वस्थ रहें, यही कामना।

प्रतिकुलपति डॉ सिद्धार्थ शंकर सिंह ने भी उन्हें अपने कार्यालयीय कक्ष में सम्मानित किया और गायत्री परिवार का प्रतीक चिह्न व मिथिला पेंटिंग भेंट की। उन्होंने भी डा त्रिपाठी के कार्यकौशल की प्रशंसा की। उधर, सीनेट हाल में अपने सम्बोधन में डॉ त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय में बिताए लंबे कार्यकाल की चर्चा करते हुए कहा कि उनका जन्म ही केवल मिथिला में नहीं हुआ है लेकिन बाल्यकाल से अपनी सेवानिवृत्ति काल को जब देखते हैं तो मिथिला का वे आजीवन कर्जदार महसूस करते हैं। उनकी पढ़ाई लिखाई मिथिला में ही हुई। शिक्षक के रूप में भी उन्हें मिथिला में ही जगह मिली। वे इस पवित्र भूमि को बार बार नमन करते हैं।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि आज वे जो कुछ भी हैं उसमें मिथिला की ही देन है। शायद यही कारण रहा कि उन्होंने मिथिला में ही आजीवन रहने का फैसला लिया है।सेवानिवृत्ति के बाद भी वे यहीं के निजी आवास में रहेंगे और संस्कृत व विश्वविद्यालय के विकास में जब भी उनकी जरूरत होगी वे सहयोग के लिए तैयार रहेंगे।

मौके पर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल झा, सचिव सुनील सिंह ,प्रवक्ता रविन्द्र मिश्र , सभी विभाग अध्यक्षों ने प्रशस्ति पत्र के साथ पाग चादर से डॉ त्रिपाठी का सम्मान किया। तमाम संकाय अध्यक्षो व वक्ताओं ने उनके कार्य अनुभव, क्षमता व कर्मठता की जोरदार प्रशंसा की। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि वक्त की सूची इतनी लंबी हो गयी कि विश्वविद्यालय में देर शाम तक कार्यक्रम चलता रहा।

सभी ने कहा कि डॉ त्रिपाठी की कमी विश्वविद्यालय में हमेशा महसूस की जाएगी। कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ विनय कुमार मिश्र ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ पूरेन्द्र वारीक ने किया। मौके पर प्रभारी कुलसचिव डॉ दीनानाथ साह, डॉ शिवलोचन झा, डॉ पवन कुमार झा, डॉ दिलीप कुमार झा,डॉ कुणाल झा, डॉ साधना शर्मा, डॉ सुनील झा, डॉ उमेश झा, डॉ दिनेश्वर यादव,डॉ नरोत्तम मिश्रा समेत सभी पदाधिकारी, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी मौजूद थे।