समस्याओं को लेकर संघर्ष चलाने को संघ को मजबूत बनाना होगा- बंदना सिंह।
11 सदस्यीय नगर-प्रखण्ड कमिटी के सचिव रंजू कुमारी एवं अध्यक्ष सविता कुमारी चुनी गई।
#MNN@24X7 ताजपुर/समस्तीपुर, 29 अक्टूबर। स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ आम-आवाम में पहुंचाने में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका अग्रणी रही है लेकिन आशा खुद ही समस्याग्रस्त रही है। 24 घंटे सर्वसुलभ रहने वाली आशाओं का शोषण शासन से लेकर प्रशासनिक स्तर पर बदस्तूर जारी है। इसे लेकर खुद ही आशा कार्यकर्ताओं को संगठित होकर निर्णायक संघर्ष छेड़ना होगा और इस संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (एक्टू) को और अधिक मजबूत बनाना होगा। आज तक आशा कार्यकर्ताओं ने जो भी सुविधा हासिल किया है, वह संघर्ष के जरिये ही किया है। आगे भी अपना हक- अधिकार संघर्ष के जरिये ही हासिल करेंगी। नीतीश- तेजस्वी सरकार संघ के साथ हुए समझौते को पूरी तरह लागू करने अन्यथा आशा कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेगी। ये बातें रविवार को जनता मैदान में बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ के प्रथम नगर-प्रखण्ड सम्मेलन को करते हुए कहा संघ के राज्य अध्यक्ष का० शशि यादव ने कहा।
महिला संगठन ऐपवा के जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने आशाओं से पीड़ितों के सेवार्थ सदैव तत्पर रहने की अपील करते हुए लूटेरी संस्कृति के खिलाफ संघ को मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए एकताबद्ध होने का वकालत किया।
सम्मेलन को सरिता कुमारी, आनंद कुमारी, मोनिका कुमारी, माले के सुरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रभात रंजन गुप्ता, गोपगुट नेता शंकर महतो, चंद्रशेखर प्रसाद राय, अमित कुमार, महेश कुमार आदि ने संबोधित किया।
मौके पर 11 सदस्यीय संयुक्त नगर-प्रखण्ड कमिटी का गठन किया गया। इसके सचिव रंजू कुमारी एवं अध्यक्ष सावित्री कुमारी चुनी गई। सुनीता कुमारी को सह सचिव देवकी कुमारी को उपाध्यक्ष, मोनिका कुमारी को कोषाध्यक्ष एवं रेखा देवी, निभा देवी, निशा देवी, ममता कुमारी, सीमा कुमारी को कमिटी सदस्य चुना गया। रेफरल अस्पताल में चिकित्सकों एवं नर्सों को पदस्थापित कर बेहतर ईलाज व्यवस्था सुधार की मांग भाकपा माले द्वारा 31 अक्टूबर को आहूत घरना- प्रदर्शन को बड़ी भागीदारी दिलाकर सफल बनाने का अपील किया गया।