#MNN@24X7 दरभंगा, अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक द्वारा छात्रों के नामांकन रद्द करने के छात्र विरोधी फैसले के आलोक में आइसा द्वारा प्रतिवाद मार्च निकाला गया।

मार्च के उपरांत छात्र–छात्राओं को संबोधित करते हुए आइसा जिलाध्यक्ष शम्स तबरेज ने कहा कि दूर से आने वाले बच्चों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसलिए बिहार के शिक्षा मंत्री से अनुरोध है कि छात्रों की बेहतर उपस्थिति के मद्देनजर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए बस की सुविधा मुहैया करवाई जाए।

वहीं जिला सचिव मयंक कुमार ने कहा कि 21 लाख छात्रों के नाम काटने के खिलाफ और स्कूलों–कॉलेजों में समुचित व्यवस्था के लिए आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) ने राज्यव्यापी प्रतिवाद मार्च निकाला। छात्र–छात्राओं की अनुपस्थिति पर नाम काटने का आदेश छात्र–विरोधी, गरीब विरोधी है। समाज में सभी स्टूडेंट्स को एकसमान शिक्षा के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं है। बिना जमीनी अध्ययन के ऊपर से आदेश जारी करने पर स्टूडेंट्स का कल्याण नहीं, शिक्षा व्यवस्था का विनाश करने पर तुले हैं के.के. पाठक जी।

शिक्षा के स्तर में सुधार लाना है तो सरकार शिक्षा बजट को 10 फीसदी करे। इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमियों को दूर किया जाए, शिक्षकों की कमी पूरी की जाए। यातायात के साधनों का प्रबंध किया जाए। साथ ही छात्र–छात्राओं के लिए छात्रावास की समुचित व्यवस्था हो।

व्यवस्था की नाकामी के लिए छात्रों का भविष्य बर्बाद करना कहां तक न्यायोचित है?

मौके पर विपिन कुमारी, इंजताम, अब्दुल मालिक, नवंबर, शफात रहमानी, आतिफ, रूपेन, विद्या भाई और संदीप सहित बड़ी संख्या में छात्र–छात्राएं उपस्थित थे।