#MNN@24X7 दरभंगा, मिथिला के लाल हरियाणा के पूर्व राज्यपाल धनिक लाल मंडल व मिथिला परिचय ‘ पग-पग पोखरि माछ मखान, सरस बोल मुसकी पान…’ के रचयिता आचार्य सोमदेव की पुण्यतिथि पर विद्यापति सेवा संस्थान ने मंगलवार को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि जेपी आंदोलन के दौरान उनके साथ जेल यात्रा करने वाले हरियाणा के पूर्व राज्यपाल धनिक लाल मंडल देश के एक कुशल राजनेता थे। उन्होंने कहा कि समाजवादी आंदोलन के अग्रणी नेताओं में शुमार मिथिला के लाल धनिक लाल कुशल प्रशासक एवं मृदुभाषी विद्वान नेता थे। जबकि आचार्य सोमदेव ने अपने जीवन काल में मैथिली साहित्य के क्षेत्र में, जो योगदान दिया है, वह अतुलनीय है।
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं. कमलाकांत झा ने धनिक लाल मंडल को कमजोर वर्गों का मसीहा और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित सोमदेव को मिलनसार स्वभाव वाला मिथिला-मैथिली के विकास का सच्चा हितैषी बताया।
डा बुचरू पासवान ने कहा कि धनिक लाल एवं सोमदेव ने क्रमशः भारत की राजनीति एवं मैथिली साहित्याकाश को जो ऊंचाई दी, वह हमेशा प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय बना रहेगा।
मणिकांत झा ने दोनों को मातृभूमि मिथिला और मातृभाषा मैथिली का महान अनुरागी बताते कहा कि वे दोनों जीवन पर्यंत मिथिला एवं मैथिली के उत्तरोत्तर विकास के प्रति समर्पित रहे।
हरिश्चंद्र हरित ने आचार्य सोमदेव के अद्वितीय रचनाशिल्प की चर्चा करते हुए उन्हें मैथिली साहित्य का महान साधक बताया। वहीं प्रो जीवकांत मिश्र ने कहा कि सोमदेव एक ऐसे धरोहर रचनाकार थे जिनकी रचनाएं मैथिली भाषी लोगों के दिलों में हमेशा बसी रहेगी। डा महेंद्र नारायण राम ने कहा कि दोनों शख्सियत की अनुपस्थिति में उनके कृतित्व हमेशा उनकी उपस्थिति का एहसास कराती रहेगी।
प्रवीण कुमार झा ने कहा कि समाज के विकास की राजनीति करने वाले धनिक लाल मंडल एवं अर्थपूर्ण रचनाओं का सृजन करने वाले सोमदेव सदैव अमर रहेंगे। शोक जताने वाले अन्य लोगों में विनोद कुमार झा, प्रो चन्द्र शेखर झा बूढाभाई, डा उदय कांत मिश्र, डा गणेश कांत झा, प्रो विजय कांत झा, दुर्गानंद झा, नवल किशोर झा, चंद्र मोहन झा, मणिभूषण राजू, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स आदि शामिल थे।