#MNN@24X7 समस्तीपुर, कल दिनांक -15.11.23 को समस्तीपुर प्रखंड के विशनपुर में महान स्वतंत्रता सेनानी , लेखक , विचारक व भूदान आंदोलन के जनक संत विनोबा भावे जी की पुण्य-तिथि पर “भूदान आंदोलन और विनोबा जी ” विषयक “विचार गोष्ठी” आयोजित की गई तथा उनके तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा -सुमन समर्पित की गई।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधायक अख्तरुल इस्लाम “शाहीन ” ने कहा कि आचार्य विनोबा भावे भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उन्हे भारत का राष्ट्रीय आध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी समझा जाता है।
राजद विधायक ने कहा कि उन्होंने अपने बलिदान और कर्म भावना से देशभक्ति की नई मिसाल पैदा की थी। ‘भूदान यज्ञ’ नामक आन्दोलन के संस्थापक और महात्मा गांधी के प्रिय अनुयायियों में से एक विनोबा भावे को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान “भारत रत्न” दिया गया, जो उनकी उपलब्धियों को दर्शाता है।
विधायक शाहीन ने कहा की संत विनोबा भावे के भूदान यज्ञ का सर्वकालिक महत्व है। भूदान के माध्यम से संत विनोबा भावे ने सामाजिक, आर्थिक समानता लाने की कोशिश की तथा उनके इस मुहिम को देशव्यापी समर्थन मिला।
उन्होंने कहा कि दरिद्रनारायण की सेवा करना संत विनोबा का प्रमुख लक्ष्य था। 7 मार्च 1951 से 6 मार्च 1964 तक पूरे देश की पदयात्रा कर भूदान क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया।
भूदान आन्दोलन के तहत लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सहयोग से केवल बिहार में बाईस करोड़ एकड़ से अधिक भूमि दान के रूप में प्राप्त हुई तथा देशभर में कुल सत्रह लाख हेक्टेयर भूमि मिली । यह सब उन्होंने बेसहारा और गरीब लोगों में बाँट दिया ।
उन्होंने कहा की विनोबाजी को 1958 में प्रथम रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया. भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से 1983 में मरणोपरांत सम्मानित किया।
उन्होंने कहा की विनोबा भावे ने अपने जीवन का क्षण-2 तथा शरीर का कण-2 समाज के कल्याण व राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित किया l उनका सम्पूर्ण जीवन प्रेरणादायक व अनुकरणीय है l महान स्वतंत्रता सेनानी , लेखक , विचारक , भूदान आंदोलन के प्रणेता व गरीबो के मसीहा के रूप में विनोबा जी सदैव याद किए जाते रहेंगे।