दरभंगा । दिनांक 31-3 -22 को मिल्लत कॉलेज ,दरभंगा में “पोषण पखवाड़ा“ कार्यक्रम के अंतर्गत “किशोरियों में एनीमिया की रोकथाम ’पर जागरूकता अभियान का आयोजन मिसेज वरनेट राजकीय मध्य विद्यालय बीवी पाकड़, दरभंगा में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रोफेसर (डॉक्टर) इफ्तिखार अहमद ने कहा कि
किशोरावस्था पोषण की दृष्टि से एक संवेदनशील समय होता है, जब तेज शारीरिक विकास के कारण पौष्टिक आहार की माँग में वृद्धि होती है। किशोरावस्था के दौरान लिए गए आहार सम्बन्धीआचरण पोषण सम्बन्धी समस्याओं में योगदान कर सकते हैं, जिसका स्वास्थ्य एवं शारीरिक क्षमता पर आजीवन असर रहता है।भारत में किशोरों का एक बड़ा भाग, 40% लड़कियाँ और 18% लड़के,एनीमिया (रक्त की कमी) से पीड़ित है। किशोरों में एनीमिया,उनके विकास, संक्रमणों के विरुद्ध प्रतिरोध-शक्ति तथा ज्ञानात्मक विकास और कार्य की उत्पादकता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता हैं इसलिए उचित पोषण लेने की आवश्यकता किशोरियों को पड़ती है।
कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर सोनी शर्मा ने कहा की
हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं।जिसकी अधिकांश महिलाएं शिकार होती हैं। गर्भवती महिलाओं में एनीमिया का प्रभाव अधिक पाया जाता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक मात्रा में विटामिन, मिनरल व फाइबर आदि की जरूरत होती है। रक्त में लौह तत्वों की कमी होने से शारीरिक दुर्बलता बढ़ती है।इसे जड़ से खत्म करने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना जरूरी है। पोषण पखवाड़ा की शुरूआत 30.3.2022 को महाविद्यालय में किया गया था इस दिन स्वयंसेवकों ने “किशोरियों और गर्भवती महिलाओं“ में एनीमिया की रोकथाम पर निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया।कार्यक्रम में शिक्षक डॉ इंसान अली, डॉ अब्दुल राफे, डॉ राधा नारायण,डॉ राजकिशोर पासवान,शईक हमीदी,आरज़ू,मो साजिद इक़बाल,आदि।
विद्यालय सीमा परवीन अन्य शिक्षक गण अधिक से अधिक संख्या में छात्र छात्राएं सम्मिलित हुए। महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं स्वयंसेवक उपस्थित थे।