#MNN@24X7 दरभंगा, झोपड़ी के लाल कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलना मिथिला के लोगों के लिए गौरव की बात है। कर्पूरी ठाकुर की खासियत थी कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा अपने परिवार को पीछे रखा। वह देश के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने पिछड़ा, अति पिछड़ा व अन्य वर्गों के उत्थान के लिए एक साथ काम किया। यह बात विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बृहस्पतिवार को कही।
उन्होंने मिथिला के लाल कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान दिए जाने के लिए केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देते हुए कहा कि जननायक को भारत रत्न देकर उन्होंने मिथिला के लोगों का दिल एकबार फिर जीत लिया है।
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमला कांत झा ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान मिलने से संपूर्ण मिथिला के लोग गौरवान्वित हुए हैं। वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि जाति प्रथा, दहेज प्रथा, बाल विवाह, पर्दा प्रथा, नशाखोरी आदि के घोर विरोधी एवं सामाजिक व राजनीतिक समानता के प्रबल पक्षधर थे। उन्हें भारत रत्न सम्मान मिलने से मिथिला के जनजन में एक अद्भुत ऊर्जा का संचार हुआ है।
प्रो जीव कांत मिश्र ने कहा कि सरकारी नौकरी में जिस आरक्षण नीति की घोषणा अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होंने किया वह सामाजिक न्याय के क्षेत्र में आज मील का पत्थर साबित हो रहा है। उन्हें थोड़े इंतजार के बाद ही सही पर वाजिब सम्मान मिला है और इससे संपूर्ण बिहार में खुशी की लहर दौड़ गई है।
प्रवीण कुमार झा ने कहा कि बिहार में जमींदारी उन्मूलन व मातृभाषा मैथिली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत सरकार द्वारा भारत रत्न दिए जाने की घोषणा अत्यंत प्रशंसनीय है। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान मिलने पर विनोद कुमार झा, प्रो विजयकांत झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, दुर्गानंद झा, नवल किशोर झा, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स , मणि भूषण राजू आदि ने भी खुशी जाहिर किया है।