दरभंगा03 अप्रैल 2022 भाकपा(माले) के राज्यव्यापी प्रतिवाद मार्च भाकपा-माले महानगर कार्यालय मिर्ज़ापुर, दरभंगा से चल कर पूनम सिनेमा रोड होते हुए दरभंगा टावर पर पहुंच कर सभा मे तब्दील हो गया। मार्च का नेतृत्व जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, राज्य कमिटी सदस्य नेयाज अहमद, ऐपवा नेत्री शनिचरी देवी, ऐक्टू नेता डॉ उमेश प्रसाद साह ने किया।
दरभंगा टावर पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि बिहार के विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने विधायकों के साथ दुर्व्यवहार एक तानाशाह रवैया है और आगे कहा बिहार विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन भाजपा कोटे से अध्यक्ष बने विजय सिन्हा नेे माले विधायकों के मार्शल आउट के जरिए एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया. संवैधानिक संस्थाओं के भाजपाकरण के अभियान के तहत विधानसभा अध्यक्ष भी पूरी मुस्तैदी से लोकतंत्र की संस्था का भाजपाकरण करने में लगे हुए हैं.बजट सत्र के दौरान हमारी पार्टी ने हर स्तर पर इसका विरोध किया और हर कदम पर उनके गैर संवैधानिक आचरण का पर्दाफाश किया.
इंसाफ मंच के जिलाध्यक्ष सह माले राज्य कमिटी सदस्य नेयाज अहमद ने कहा कि 31 मार्च को पार्टी विधायक दल ने राज्य में लगातार गिरती कानून-व्यवस्था, माॅब लिंचिंग, भाजपा-आरएसएस द्वारा सांप्रदायिक उन्माद भड़काने की साजिशों,दलितों-अतिपिछड़ों-पिछड़ों व महिलाओं पर बर्बर सामंती व पितृसत्तात्मक हमले, अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा प्रचार, राज्य में लूट की बढ़ती घटनाओं आदि विषय पर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया था. हाल के दिनों में ऐसी घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है. खुद मुख्यमंत्री पर हमले हुए और सत्ताधारी जदयू के ही नेता की माॅब लिंचिंग व हत्या तक की घटनाएं हुईं.
ऐक्टू नेता डॉ उमेश प्रसाद साह ने कहा कि विदित है कि नीतीश कुमार क्रिमनलाइजेशन, करप्शन और कम्युनलिज्म पर जीरो टाॅलरेंस का दावा करते नहीं अघाते, लेकिन आज पूरा बिहार पुलिस व सामंती-अपराधियों के आतंक से कराह रहा है. अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. इन गंभीर विषयों पर भाजपाई विधानसभा अध्यक्ष ने माले विधायक दल के कार्यस्थगन प्रस्ताव पर गंभीरता दिखलाने की बजाए उलटे विधायकों को अपमानित किया व उन्हें जबरदस्ती उठाकर बाहर फेंकवा दिया. पिछले बजट सत्र के दौरान भी विपक्ष के विधायकों की बर्बर पिटाई की गई थी, जिसने पूरी दुनिया में बिहार व लोकतंत्र को शर्मसार किया था. इस घटना को लेकर गठित कमिटी की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर आने के पहले एक अखबार में प्रकाशित हो गया, जिसमें विधायकों को ही दोषी ठहराया गया है. जाहिर सी बात है कि वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा विपक्ष पर विभिन्न तरीकों से हमलावर होना चाहती है और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का गला घोंट रही है. माले नेताओं ने आगे कहा कि राज्य के इन ज्वलंत सवालों पर सरकार बहस से लगातार भाग रही है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुपी साध रखी है. नीतीश कुमार की इस चुपी और विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर कर तानाशाही थोपने की इन कार्रवाइयों के और मनसा के खिलाफ जनता कार्रवाई करेगी। सभा को अन्य लोगों के अलावे देवेन्द्र कुमार, पप्पू पासवान, केशरी यादव, सोनू यादव, दिनेश मण्डल, मधु सिन्हा, निरंजन प्रसाद सिंह, रणधीर यादव, सोने देवी, रीना देवी, देवेन्द्र पासवान और राम उदगार मांझी ने सम्बोधित किया।