रजिस्टर टू में हेराफेरी के जिम्मेवार पर फर्जीवाड़ा का एफआईआर दर्ज हो- सुरेंद्र प्रसाद सिंह।
ताजपुर अंचल-प्रखंड भ्रष्टाचार चरम पर- ब्रहमदेव प्रसाद सिंह।
भूमाफिया-अंचल की मिलीभगत की हो जांच-आसिफ होदा।
अंचलाधिकारी-दलाल-विचौलिया मिलीभगत द्वारा सभी अंचलों में रजिस्टर टू में हेराफेरी-आसिफ होदा।
ताजपुर/समस्तीपुर, 27 सितंबर, शाहपुर बघौनी पंचायत के रजिस्टर टू में रैयत का नाम घेरकर नया रैयत का नाम जोड़कर जमीन बेचवाने एवं सुधार करने की मांग को अनसुना करने के खिलाफ भाकपा माले के बैनर तले शहवाज तौहीदी, वसाम तौहीदी एवं मुखलिस तौहीदी द्वारा अंचल-प्रखंड कार्यालय पर 24 सितंबर से शुरू अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शनिवार को भी अनवरत चौथे दिन भी जारी रहा।
ऊमस भरी गर्मी में अनशनकारियों की हालत बिगड़ने एवं अनशनकारियों की प्रशासनिक सुधी नहीं लिये जाने से आक्रोशित भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने अनशन स्थल से झंडा, बैनर, मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां एवं अंचल प्रशासन का अर्थी अपने-अपने हाथों में लेकर अर्थी जुलूस निकाला। अर्थी लेकर बाजार भ्रमण कर नारे लगाते हुए माले कार्यकर्ता पुनः अनशन स्थल अंचल कार्यालय पहुंचकर जुलूस सभा में तब्दील हो गया।
सभा की अध्यक्षता प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने किया। सभा को प्रभात रंजन गुप्ता, ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, मो० एजाज, आसिफ होदा, शाद तौहीदी, मो० क्यूम, राजदेव प्रसाद सिंह, शंकर महतो, मनोज साह, मो० नेयाज, मो० नासीर, अरशद अली, मो० मिनहाजुलहक, फैयाज तौहीदी, संजीव राय, नौशाद तौहीदी, मो० शकील, मो० कादीर, संजीव कुमार, महावीर सिंह आदि ने संबोधित किया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि अंचल में भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि सबसे सुरक्षित समझे माने जाने वाले भू-अभिलेख रजिस्टर टू में हेराफेरी कर दिया जाता है। अब किसी की जमीन पूर्णरूपेण सुरक्षित नहीं रहा। उन्होंने शाहपुर बघौनी वार्ड नंबर 11 का उदाहरण देते हुए कहा कि अंचल में जमा रजिस्टर टू के जमाबंदी संख्या 75-76 में दर्ज नाम सालिम तौहीदी के जगह “मोहम्मद वगैरह” एवं पिता का नाम अब्दुल रहीम के जगह मोहीबुलहक” जोड़कर जमीन बेचवाने का सिलसिला शुरू कर दिया गया। अंचल में हेराफेरी का ऐसा अनेकों मामला है। अंचलाधिकारी को संज्ञान में दिए जाने के बाद भी सुधार करने में आनाकानी किया जाता है। अंचल कार्यालय में भूमाफिया का कब्जा है। बिना पैसा-पैरवी का एक काम भी नहीं होता है। इसके खिलाफ संघर्ष ही एक मात्र रास्ता बचा है और भाकपा माले गांधी- अंबेडकर के सत्याग्रह आंदोलन के रास्ते को आगे बढ़ाकर लूटेरा-माफिया-भ्रष्ट अधिकारी गठजोड़ को शिकस्त देगी।