भगत सिंह के जन्मदिन पर लुटेरे भूरे अंग्रेज गद्दी छोड़ो के नारे से गूंजा शहर:- रौशन कुमार।
समस्तीपुर रविवार 28 सितंबर 2025, ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) व इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) ने भगत सिंह के जन्मदिवस के मौके पर देशव्यापी हुंकार दिवस के तहत शहर के पुराने बस स्टैंड पोस्ट ऑफिस से ओवर ब्रिज होते हुए मगरदही घाट स्थित भगत सिंह स्टैचू तक आक्रोशपूर्ण मशाल जुलूस निकालकर शहीद ए आजम भगत सिंह के स्टैचू पर आइसा-आरवाईए नेताओं द्वारा माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात सभा का आयोजन किया गया। अध्यक्षता आइसा जिला अध्यक्ष लोकेश राज व संचालन आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार ने किया।
आइसा जिला सचिव सुनील कुमार ने कहा इस जुलूस के जरिए साफ संदेश दिया कि आज़ादी के 77 साल बाद भी नौजवानों की ज़िंदगी गुलामी जैसी हालत में धकेल दी गई है, जिस तरह भगत सिंह ने अपने समय में चेतावनी दी थी कि अंग्रेजों के जाने के बाद सत्ता पर भूरे अंग्रेज काबिज हो जाएंगे और वे भी अंग्रेज़ों की तरह जनता का शोषण करेंगे, आज भगत सिंह की कही यह बात पूरी तरह सच साबित हो रही है क्योंकि आज़ाद भारत की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार ने नौजवानों, मजदूरों और किसानों के सपनों का गला घोंटकर उन्हीं नीतियों को लागू कर दिया है जो अंग्रेज़ी हुकूमत की तरह दमनकारी और शोषणकारी हैं,
आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार ने कहा कि आइसा-आरवाईए का मशाल जुलूस में शामिल नौजवानों ने “लुटेरे भूरे अंग्रेज गद्दी छोड़ो” का नारा बुलंद कर बिहार की मोदी-नीतीश सरकार की पोल खोली और कहा कि भगत सिंह का सपना इस देश के हर नौजवान का सपना है लेकिन यह सरकार उसी सपने को चूर–चूर कर बेरोजगारी, महंगाई और पलायन की काली आग में नौजवानों को झोंक रही है, हालत यह है कि लाखों डिग्रीधारी युवा नौकरी के लिए दर–दर भटक रहे हैं, प्रतियोगी परीक्षाओं में बार–बार पेपर लीक हो रहे हैं, परिणाम महीनों–सालों तक लंबित रखे जाते हैं और जब युवा सड़कों पर उतर कर न्याय की मांग करते हैं तो उन्हें लाठीचार्ज और जेल की सज़ा देकर खामोश करने की कोशिश की जाती है, यह बिल्कुल वही तानाशाही रवैया है जिसे भगत सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत की पहचान बताया था, आज सरकार ने विरोध की हर आवाज़ को कुचलने का हथकंडा अपना लिया है, चाहे छात्र-नौजवान अपनी रोज़गार की मांग करें, चाहे किसान अपनी फसल का दाम मांगें या मजदूर अपने हक की लड़ाई लड़ें, हर जगह सत्ता का डंडा चलाया जा रहा है,
आइसा जिला अध्यक्ष लोकेश राज ने कहा कि बिहार की डबल इंजन सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघ दी हैं, बिहार सरकार के कई मंत्रियों और सांसदों का खुला भ्रष्टाचार जनता के सामने आ चुका है, और जिस सरकार में मंत्री ही चरम भ्रष्टाचार में डूबे हों तथा घोटालों की परतें लगातार उजागर हो रही हों, वह सरकार जनता के हित में नहीं हो सकती, भगत सिंह ने कहा था कि सत्ता अगर जनता के हित में नहीं है तो वह अंग्रेज़ी सत्ता से अलग नहीं है और आज नीतीश–मोदी सरकार का चरित्र उसी कथन को प्रमाणित कर रहा है क्योंकि यह सरकार न केवल भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है बल्कि गरीब–गुरबा, मजदूर–किसान और बेरोजगार नौजवानों की आवाज़ का गला घोंटने में लगी है,
आरवाईए नगर सचिव कुंदन कुमार ने कहा कि भगत सिंह के विचारों से लैस नौजवान अब चुप नहीं बैठेंगे बल्कि उस सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे जिसमें शोषण–मुक्त और बराबरी का समाज बने, आरवाईए ने साफ चेतावनी दी कि यदि मंत्रियों को तुरंत कैबिनेट से बर्खास्त नहीं किया गया और नौजवानों को सम्मानजनक रोजगार, शिक्षा और आज़ादी के हक़ नहीं मिले तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा, मशाल जुलूस की आग ने यह साफ कर दिया है कि नीतीश–मोदी सरकार के दमन से डरने वाली पीढ़ी अब नहीं है और यह पीढ़ी भगत सिंह की क्रांतिकारी राह पर चलकर बिहार में बदलाव का बिगुल बजाएगी। मौके पर आरवाईए जिला कार्यालय सचिव राहुल कुमार, नगर सचिव कुंदन कुमार, जिला उपाध्यक्ष नवीन कुमार, आइसा जिला उपाध्यक्ष दीपक यदुवंशी, अनिल कुमार, सह सचिव द्राक्षा जवी, मो फरमान , मो फैयाज, विवेक कुमार सिंह, विशाल कुमार, रोहित,मो तौसीफ, राहुल कुमार, धीरज, सोनू कुमार,शिवा कुमार, मोनू, पप्पू कुमार, आदित्य,मो आफताब,मो मकबूल, अभिषेक व आरवाईए नेता राजीव कुमार, अनिल शर्मा, रोहित साहनी, तिलक सदा, मुरली कुमार, मधुकर राम, मुरली कुमार, परीक्षण सदा, मो. साहिद, रामू सदा, भुल्ला सदा सहित सैकड़ो नौजवान मार्च में शामिल थे।