अस्त होइत सूर्य के अर्ध्य देबा संग प्रारंभ होइत,आ उगैत सूर्य के अर्ध्य देबा पर पूर्ण हुअ बला ई महापाबनि, युवा वर्ग यानी नव ऊर्जाक लेल एकटा महत्वपूर्ण सनेस दैत अछि। ई वैह सनेस छी जे बाबा-दादा फकड़े म बुझा देने रहथि“नव घर उठे, पुरान घर खसे”।
छठि पाबनि में दिनकर दीनानाथ के पूजा-आराधना कैल जाएत छईन्ह.संतान प्राप्ती आ संतान केर उज्जवल भविष्य’क प्राप्ति क लेल दिनकर दीनानाथ के आशीर्वाद एहि पाबनिमे लेल जाएत अछि. अहि मध्य व्रती बहुत कठिन व्रत राखैत छथि, संगहि पूजा के तैयारी सेहो पूरा शुद्धताक संग करैत छथि।छठि पाबनि में कई एकटा वस्तु सब हक जरूरत पडैत अछि जे किसानी क महत्व के सेहो बुझबैत अछि . आई छठि के लेल नहाए-खाए केला के बाद अगिला दिन खरना होइत अछि। एहि दिन व्रती निर्जला व्रत करैत छथि. एकर अगिला दिन 10 नवम्बर के व्रती लोकनि अस्त होइत सूर्य के अर्ध्य दैत छथि आ 11 नवम्बर के उगैत सूर्य के अर्ध्य देबाक संगहि छठ पाबनि पूर्ण होइत अछि।
चारि दिन तक चल बला छठि महापाबनि आजुक दिन यानी 8 नवंबर कें नहाए-खाए के संगहि प्रारम्भ भ गेल अछि. छठि पाबनि मिथिलालांचल सहित पूरा बिहार राज्य के प्रमुख पाबनि अछि।छठ पाबनि’क पहिल दिन व्रती स्नान केलाक बाद नव कपड़ा पहिर तकर बाद पूजा प्रारम्भ करैत छथि। एहि पाबनिमे मोन आ शरीर दुनू के शुद्धताक पूरा ध्यान राखल जाइत अछि।(मिथिला मे संतान’ क निमित्त जतेक पाबनि अछि ओकरा अवश्ये कएल जाएत अछि चाहे संतान अपन धर्म निर्वाह करैथ वा नहि।) संतान’क कल्याण के लेल कएल जाय बला ई पूजा चारि दिन तक चलैत अछि आ एकर मध्य व्रती 36 घंटा धरि निर्जला व्रत रखैत छथि।अस्त होइत सूर्य के अर्ध्य देबा सं प्रारंभ होइत सूर्य के अर्ध्य देबा उपरांत पूर्ण होइत अछि.
🙏दिनकर दीनानाथ समस्त मिथिलावासी के कल्याण करथुन। 💐🙏