पटना: बिहार में धर्मांतरण कानून बनाने को लेकर बहस तेज हो गई है. बीजेपी नेताओं द्वारा लगातार इसकी मांग की जा रही है. धर्मांतरण कानून को लेकर भाजपा और जदयू के बीच नयी टकरार की जमीन तैयार हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि बिहार में धर्मांतरण विरोधी कानून की कोई जरुरत नहीं है. धर्मांतरण कानून का मतलब है कि धर्म परिवर्तन कराने जाने से रोकना. भाजपा के दो फायरब्रांड नेता केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह और बेगूसराय के ही राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने देश के अंदर धर्मांतरण कानून बनाने की मांग कर दी है.

केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि धर्मांतरण को रोकने के लिए पूरे देश में कानून बनना चाहिए. देश में जिस प्रकार से लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, वो काफी चिंताजनक मामला है. इसे हर हाल में रोकना होगा. मुजफ्फरपुर में एमपी एमएलए कोर्ट में एक मामले को लेकर पहुंचे गिरिराज सिंह से जब धर्मांतरण कानून के विषय में पूछा गया तो उन्होंने साफ-साफ में कहा कि धर्मांतरण को रोकने के लिए पूरे देश में कानून बनना चाहिए.
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वहीं दूसरी ओर भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने भी बिहार में धर्मांतरण कानून बनाने की मांग का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में धर्मांतरण कानून बनना चाहिए. धर्मांतरण कानून आवश्यक ही नहीं बल्कि अनिवार्य होना चाहिए. राकेश सिन्हा ने कहा कि अगर यह समस्या गंभीर नहीं है तो कांग्रेस के शासनकाल में इस प्रकार के कानून बनाने की क्या आवश्यकता आन पड़ी थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में भी देश के 6 राज्यों में धर्मांतरण कानून बना था.

बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धर्मांतरण कानून की मांग को खारिज करते हुए कहा कि बिहार में धर्मांतरण विरोधी कानून की कोई जरुरत नहीं है. नीतीश कुमार ने साफ कह दिया कि बिहार में भाई-चारा, शांति-सौहार्द है, धर्मांतरण कानून की कोई जरूरत नहीं है. सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार में यह कोई समस्या नहीं है. यहां सभी धर्मों का आदर होता है और सभी अपने अपने धर्म को मानते हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग अगर कुछ करने का प्रयास भी करते हैं तो सरकार यहां हमेशा अलर्ट रहती है, सभी लोग शांति से रहते हैं.