-दरभंगा शहरी क्षेत्र में कार्यरत 50 आंगनबाड़ी सेविकाओं को मिला प्रशिक्षण

– शहरी क्षेत्र सहित हायाघाट, कुशेश्वरस्थान पूर्वी एवं बेनीपुर में चलेगा सर्जन दवा वितरण कार्यक्रम

#MNN@24X7 दरभंगा , 2 अगस्त, जिले में 10 अगस्त से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम का आयोजन होगा. अभियान जिले के शहरी क्षेत्र सहित हायाघाट, कुशेश्वरस्थान पूर्वी एवं बेनीपुर में चलाई जाएगी.  कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए बुधवार को शहरी क्षेत्र के 50 आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका को टीबीडीसी भवन में प्रशिक्षित किया गया. प्रशिक्षण डब्ल्यूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर दिलीप कुमार झा ने दिया.

विदित हो कि अभियान के लिए जून माह में 18 से 23 जून तक नाइट ब्लड सर्वे किया गया था. जिसमें रात्रि 8:30 बजे के बाद प्रत्येक प्रखंड से 600 लोगों का रक्तपट्ट संग्रह लिया गया था. जिसमें शहरी क्षेत्र सहित 3 प्रखंडों में ही मैक्रोफाइलेरिया का दर 1% से अधिक रहा जहां अभियान चलाया जाना है. शेष बचे प्रखंडों मे नाइट ब्लड सर्वे के दौरान निर्धारित किसी साइट पर मैक्रो फाइलेरिया दर एक फीसदी से कम या शून्य रहा लिहाजा फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर प्री ट्रांस एसेसमेंट सर्वे फेज में जा पंहुचा है.

मलेरिया इंस्पेक्टर गणेश महासेठ ने बताया अभियान की सफलता के लिए डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. शिक्षा विभाग एनसीसी, एनएसएस,  जीविका, पंचायती राज विभाग सहित अन्य विभागों से सहयोग की अपील की गई है.

फाइलेरिया से बचाव के लिए 5 साल तक लगातार साल में एक बार जरूर करें दवा का सेवन :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अमरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया किसी भी व्यक्ति को फाइलेरिया ना हो इसके लिए 5 साल तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन अनिवार्य रूप से करना चाहिए इस बीमारी के मरीज की मृत्यु नहीं होती लेकिन उसका जीवन बोझ हो जाता है इसका वाहक क्यूलेक्स मच्छर है अगर आज किसी व्यक्ति को संक्रमित करता है तो बीमारी के लक्षण आने में 5 से 10 या 15 साल तक का समय लग सकता है और जब तक बीमारी का पता चलता है तब तक काफी देर हो जाती है इससे बचना है तो दवा का सेवन जरूर करना चाहिए.

10 अगस्त से जिले में खिलाई जाएगी दवा:

डब्ल्यूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर दिलीप कुमार झा ने बताया फाइलेरिया उन्मूलन सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत 10 अगस्त से दवा खिलाई जाएगी. जिसमें डीईसी,अल्बेंडाजोल व आईवरमेक्टिन की दवा खिलाई जाएगी. 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं व गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है. कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी. खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है. दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खानी जरूरी है.अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है.

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की रणनीति :

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2030 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2027 तक उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लिए प्रतिवर्ष सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा खिलाई जाती है.जिसमें आम लोगों को जागरूक होना होगा.तभी अभियान को सफल बनाया जा सकता और हमारा समाज फाइलेरिया से मुक्त हो सकता है.

मौके पर भीबीडीसी बबन प्रसाद, पीरामल के मनीष कुमार, पीसीआई के अमित कुमार मिश्रा सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.