अपर निदेशक साह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम ने सभी जिलों को पत्र जारी कर दिए निर्देश
#MNN@24X7 मधुबनी / 18 अप्रैल, आगामी 25 अप्रैल को जिले भर में विश्व मलेरिया दिवस दिया मनाया जाएगा। इसे लेकर अभी तैयारी चल रही है। इस दौरान जिला मुख्यालय से लेकर प्रखण्ड स्तर पर मलेरिया से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दिन आयोजित होने वाले जागरूकता कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम बिहार के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम निदेशक डॉ.अशोक कुमार ने जिलों के सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी और जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी को पत्र जारी कर निर्देश जारी किया है।
क्या है मलेरिया:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार झा ने बताया मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसमें कंपकंपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।
सरकारी अस्पतालों में जांच और इलाज की निशुल्क व्यवस्थाः
डॉ. झा ने बताया मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की व्यवस्था है। मलेरिया फैलाने वाला मच्छर किसी स्थान पर ठहरे हुए साफ पानी और धीमी गति से बहने वाली नालियों में अंडे देती है और वहां पर पनपती है।
सावधानी अपनाकर मलेरिया से करें अपने और अपनों की सुरक्षा:
वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन ने बताया मलेरिया से सुरक्षा के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है. पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की तरफ से डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। छिड़काव कर्मियों के आने पर उनका सहयोग करें और छिड़काव की तिथि की जानकारी ग्रामीणों को दें।
आशा के लिए प्रोत्साहन राशि की भी व्यवस्थाः
2030 तक मलेरिया को खत्म करने का लक्ष्य है, इसे लेकर प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर मलेरिया के संदिग्ध मरीजों की आरडीटी किट से जांच कर रही हैं। प्रति जांच उन्हें 15 रुपये की राशि देने की भी व्यवस्था है। साथ ही मरीज मिलने पर उसका इलाज कराने पर 75 रुपये प्रति मरीज अलग से दिए जाने की व्यवस्था है।