अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत व मैथिली में लिए जाएंगे आलेख।
27 तक करा सकते हैं पंजीयन।
#MNN@24X7 दरभंगा, अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृत विश्वविद्यालय की साहित्य विभाग व राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ‘ जल संरक्षण में संस्कृत साहित्य के महत्व ‘ विषय पर 29 मई को मुख्यालय के दरबार हॉल में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करने जा रहा है। इसके लिए 27 मई तक सौ शब्दों में आलेख लिए जाएंगे और प्रतिभागियों के लिए पंजीयन कराने की अंतिम तिथि भी 27 ही है। मुख्य विषय जल संरक्षण के साथ साथ इससे जुड़े कुछ उपविषय भी रखे गए हैं जिस पर भी पंजीकृत प्रतिभागी सौ शब्दों में आलेख दे सकते हैं।
उप विषयों में जल संरक्षण की उपयोगिता, जल संरक्षण के उपाय, लौकिक संस्कृत साहित्य में जल संरक्षण का महत्व एवं जल संरक्षण में संस्कृत विद्वानों की भूमिका व उनके उत्तरदायित्व को शामिल किया गया है। आलेख यूनिकोड फंट में केएसडीएसयू डॉट पीजीसाहित्यविभाग एट द रेट ऑफ जीमेल डॉट कॉम पर भेजना है। ऑनलाइन के अलावा 27 मई तक साहित्य विभाग में आलेख ऑफ लाइन भी जमा कराया जा सकता है। शिक्षकों के लिए पंजीयन शुल्क पांच सौ रुपये तथा स्नातक व पीजी छात्रों के लिए दो सौ एवं गवेषकों के लिए चार सौ रुपये निर्धारित किया गया है।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि प्रतिभागी अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत व मैथिली में अपना आलेख तैयार कर सकते हैं। कार्यक्रम के अध्य्क्ष होंगे साहित्य विभागाध्यक्ष डॉ विजय कुमार मिश्र एवं समन्वयक की भूमिका में रहेंगे डॉ प्रसेनजित सूत्रधर। वहीं, अध्यक्ष डॉ मिश्र ने बताया कि संगोष्ठी की तैयारी जोरों से चल रही है। इच्छुक प्रतिभागियों से कहना है कि वे समय रहते अपना पंजीयन अवश्य करा लें।