संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में वक्ताओं ने कहा।

#MNN@24X7 दरभंगा, बिहार दिवस पर आज पूरे प्रदेश में उत्साह व खुशी का माहौल है। इसी कड़ी में संस्कृत विश्वविद्यालय मुख्यालय में भी इस अवसर पर एक सादे समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए साहित्य विभाग की अध्यक्षा प्रो0 रेणुका सिन्हा ने कहा कि आज का दिवस अपने सूबे की बेहतरी व उन्नति के लिए संकल्प का दिवस है। राज्य के समृद्ध अतीत व राष्ट्र के लिए इसके योगदान का उत्सव है बिहार दिवस। उन्होंने कहा कि इतिहास से प्रेरणा लेकर यहां की संस्कृति को बढ़ाकर हमसभी अपने राज्य को खुशहाल बनाएं।

वहीं डीआर डॉ सुनील कुमार झा ने कहा कि आज के ही दिन 22 मार्च 1912 को ब्रिटिश हुकूमत ने बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग किया था। यानी अपना बिहार अस्तित्व में आया था। डॉ झा ने कहा कि यह दिवस एक साथ अपने और प्रदेश के विकास व प्रगति के प्रति हमसभी की प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का अवसर है।

मौके पर प्रो0 ममता पांडेय ने कहा कि बिहार दिवस के अवसर पर संकल्प लें कि हमसभी जिस किसी भी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उसी में बेहतर परिणाम दें। उन्होंने कहा कि अपने प्रदेश बिहार पर हमसभी को गर्व है। यहां का गौरव गाथा काफी समृद्ध व अनुकरणीय है। इसे बरकरार रखने की जरुरत है।

इधर, धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो0 दिलीप कुमार झा ने कहा कि बिहार दिवस हमलोगों को प्रेरणा देता है स्वयं का, समाज का व प्रदेश के विकास का। संस्कृत व संस्कृति के सम्वर्धन के लिए हमलोग सतत प्रयत्नशील रहें और राज्य के विकास में हमलोग साथ साथ चलें।

इसी तरह भूसंपदा पदाधिकारी डॉ उमेश झा ने कहा कि बिहार का इतिहास काफी गौरवपूर्ण रहा है। यहां के कई राष्ट्रीय नेताओं, विचारकों, चिंतकों, त्यागी महामानवों ने देश निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज के अवसर पर उन्हें भी हार्दिक श्रद्धांजलि देने की जरूरत है। कहा कि आइए, हमसभी मिलकर बिहार की अस्मिता व धरोहर को अक्षुण्ण रखते हुए इसके चातुर्दिक विकास में सामूहिक भागीदारी निभाएं।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि समारोह के अवसर पर प्राध्यापक डॉ दयानाथ ठाकुर, विजय शंकर झा, सुशील कुमार झा बौआ जी,अभिषेक कुमार झा,जयनन्दन ठाकुर समेत कई कर्मी उपस्थित थे।