विश्वविद्यालय, मिथिला एवं बिहार का नाम रोशन करने हेतु जयप्रकाश को पदाधिकारियों एवं शिक्षकों ने दी बधाई एवं शुभकामनाएं।
एनएसएस के माध्यम से संसद भवन में संबोधन मेरे जीवन का अविस्मरणीय क्षण- जयप्रकाश।
#MNN@24X7 दरभंगा, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने स्थानीय सी एम कॉलेज के एनएसएस स्वयंसेवक जय प्रकाश कुमार साहू द्वारा 9 मई, 2023 को सांसद भवन में गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर के जीवन दर्शन पर संबोधन कर दरभंगा लौटने पर पाग, चादर तथा पुष्पगुच्छ प्रदान कर हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर कुलपति ने विश्वविद्यालय के साथ ही मिथिला एवं बिहार का नाम रोशन करने हेतु जयप्रकश को लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश का संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में संबोधन ऐतिहासिक एवं विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
ज्ञातव्य है कि जयप्रकाश इस विश्वविद्यालय तथा बिहार प्रान्त का एकमात्र छात्र प्रतिनिधि थे, जिन्हें उक्त कार्यक्रम में भाग लेने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव प्रथम डा कामेश्वर पासवान, विकास पदाधिकारी डा सुरेन्द्र कुमार, विधि पदाधिकारी, डा सोनी सिंह, महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) प्रो अरुण कुमार सिंह, आइक्यूएसी निदेशक डा मो ज्या हैदर, एनएसएस कोऑर्डिनेटर डा विनोद बैठा एवं डा आनंद प्रकाश गुप्ता, पीजी एनएसएस इकाई की पदाधिकारी डा ज्योति प्रभा, प्रेस एवं मीडिया इंचार्ज डा आर एन चौरसिया, मंजीत कुमार चौधरी, सैयद मो जमाल अशरफ, रवि प्रकाश गुप्ता, मिथिलेश कुमार तथा अमित कुमार झा आदि उपस्थित थे।
जयप्रकाश कुमार साहू ने कहा कि एनएसएस के माध्यम से सी एम कॉलेज, दरभंगा से संसद भवन, दिल्ली में संबोधन मेरे जीवन का अविस्मरणीय क्षण रहेगा। जब से मैं एनएसएस में जुड़ा था, उसी समय से हमारे एनएसएस के शिक्षकों ने हमें अच्छे से बोलना तथा समाजसेवा की भावना हेतु प्रेरित करते रहे हैं, जिनमें प्रधानाचार्य डा अशोक कुमार पोद्दार, पूर्व एनएसएस पदाधिकारी एवं समन्वयक डा आर एन चौरसिया, एनएसएस पदाधिकारी डा रितिका मौर्या एवं अखिलेश कुमार राठौर, पूर्व एनएसएस पदाधिकारी डा सुरेश पासवान, एनएसएस समन्वयक डा विनोद बैठा तथा डा आनंद प्रकाश गुप्ता आदि शामिल हैं, जिन्होंने इस उपलब्धि के लिए जयप्रकाश को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
जयप्रकाश ने बताया कि रवीन्द्र नाथ टैगोर के जीवन का भी मूल उद्देश्य मानवसेवा ही था। उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग को, विशेष रूप से युवाओं को सेवा की भावना हेतु प्रेरित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव के सफल नेतृत्व में अपने गुरुजनों के दिशा-निर्देश से सांसद के उस केन्द्रीय कक्ष में जाने का अवसर मिला, जहां भारत के संविधान का निर्माण हुआ था तथा जहां हमारे जनप्रतिनिधि नीतियों का निर्धारण करते हैं। प्रवास के दौरान मुझे पीएम संग्रहालय, लोकसभा, राज्यसभा, राष्ट्रीय स्वच्छता केन्द्र, वार संग्रहालय तथा इंडिया गेट आदि भी देखने- जानने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
जयप्रकाश ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में यूपी, उत्तराखण्ड, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, झारखंड, महाराष्ट्र तथा तमिलनाडु आदि सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों से कुल 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्हें आयोजक की ओर से बैग, कलम, डायरी, पास, भारतीय संविधान एवं संसद से संबंधित वीडियो एवं चित्रों के चिप्स आदि प्रदान किया गया।