#MNN@24X7 दरभंगा, दो वर्षीय बीएड एवं शिक्षा शास्त्री में नामांकन के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीईटी-बीएड)-2023 दिनांक 08.04.2023 (शनिवार) को पूर्वाह्ण 11:00 से अपराह्ण 01:00 बजे तक निर्धारित है। राज्य भर के 11 शहरों में आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा के सफल आयोजन और शांतिपूर्ण एवं कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने दिनांक 31.03.2023 (शुक्रवार) को विश्वविद्यालय के सभागार में केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षक दलों के साथ बैठक की।

कुलपति ने केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षक दलों को संबोधित करते हुए कई दिशा-निर्देश दिये। प्रो. सिंह ने कहा कि परीक्षा के समय जितना दबाव अभ्यर्थियों पर होता है, उतना ही परीक्षा के सफल संचालन को लेकर परीक्षा कार्यों में लगे पदाधिकारियों पर होता है। मुझे पूरी उम्मीद है कि जैसे विगत तीन वर्षों से आप सभी ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है, इसबार भी अपने कर्तव्यों का पूरे उत्साह के साथ पालन करेंगे। केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षक दल किसी भी प्रकार की असमंजस की स्थिति होने पर तत्काल नियंत्रण कक्ष से संपर्क करेंगे। उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का ही अनुपालन करेंगे।

प्रो. सिंह ने कहा कि केंद्रीय समन्यवक-सह-पर्यवेक्षक दल में शामिल सदस्यों के ऊपर दोहरी भूमिका है। आप उस विश्वविद्यालय के पदाधिकारी है, जिस विश्वविद्यालय को सीईटी-बीएड-2023 संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराने की पूरी जिम्मेदारी है। आप सभी सदस्यों को जिला प्रशासन की टीम और सहभागी विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों की टीम के साथ समन्वय बनाकर कार्य करना है।

कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने अपने संबोधन में कहा कि आप सभी के बेहतर कार्यों की बदौलत ही ल. ना. मिथिला विश्वविद्यालय को लगातार चौथी बार सीईटी-बीएड-2023 की जिम्मेदारी मिली है। ल. ना. मिथिला विश्वविद्यालय के लिए यह सम्मान की बात है कि अपनी आंतरिक परीक्षाओं के साथ ही राज्य स्तर की परीक्षा भी सफलातपूर्वक संपन्न कराने में सफल रहा है। कुलसचिव ने कहा कि परीक्षा का कार्य ही अपने आप में संवेदनशील है, जिन साथियों को यह जिम्मेदारी मिली है, वे सचेत रहकर अपने कार्यों का अंजाम देंगे। जिला प्रशासन की टीम और सहभागी विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों का भी सहयोग करेंगे।

सीईटी-बीएड-2023 के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो. अशोक कुमार मेहता ने बैठक की शुरुआत में माननीय कुलपति, कुलसचिव और केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षक दल के सदस्यों का स्वागत और आभार व्यक्त किया। प्रो. मेहता ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक सहभागी विश्वविद्यालय के लिए एक-एक केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षक दल का गठन किया गया है,जिसमें दो शिक्षक/पदाधिकारी हैं।सहभागी विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग कुल 15 दल हैं। केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षक आवंटित विश्वविद्यालय केंद्र पहुंचकर, वहां के नोडल पदाधिकारी से संपर्क करेंगे। इसके बाद केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षक दल विश्वविद्यालय नोडल पदाधिकारी के पारस्परिक सहयोग से अपने कार्यों का निष्पादन करेंगे।

प्रो. मेहता ने तकनीकी सत्र में केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारियों एवं कर्तव्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षक दल संबंधित विश्वविद्यालय केंद्र क्षेत्रांतर्गत स्थित सभी परीक्षा केंद्रों द्वारा की जा रही परीक्षा की तैयारियों का जायजा लेंगे। इसके बाद नोडल पदाधिकारी के साथ जोनल को-ऑर्डिनेटर से मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।

सभी तैयारियों की सूचना समय-समय पर नोडल विश्वविद्यालय के नियंत्रण कक्ष पर नियुक्त पदाधिकारी को देते रहेंगे। उत्पन्न समस्याओं का समाधान राज्य नोडल पदाधिकारी/नियंत्रण कक्ष के पदाधिकारी से संपर्क कर सहभागी विश्वविद्यालय के नोडल पदाधिकारी एवं जोनल को-ऑर्डिनेटर के सहयोग से अविलंब करेंगे और इसकी सूचना नियंत्रण कक्ष को प्रेषित करेंगे। केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षक दल 08.04.2023 को पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्ण 01:00 बजे तक यथासंभव परीक्षा केंद्रों पर हो रही परीक्षा का निरीक्षण करेंगे। बैठक में सभी केंद्रीय समन्वयक-सह-पर्यवेक्षक दल के सदस्य और बीएड कोर-कमेटि टीम के सदस्य प्रो. अरूण कुमार सिंह, डॉ. मो. मिर्जा रुहुल्लाह बेग और अन्य शामिल थे।