दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेन हादसा बिहार में हुआ,पढ़िए इससे पहले कब-कब हुईं ट्रेन दुर्घटनाएं।

#MNN@24X7 बक्सर, बिहार के बक्सर जिले में रघुनाथपुर स्टेशन के पास बुधवार रात भीषण ट्रेन हादसा हो गया है। दिल्ली से गुवाहाटी जा रही आनंद विहार कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस की सभी बोगियां पटरी से उतर गई।हादसे में अभी तक छह लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।राहत और बचाव कार्य जारी है। जहां हादसा हुआ है, वहां पटरियां उखड़कर इधर-उधर जा गिरी हैं। पटना, आरा और बक्सर से रेलवे की बचाव टीम के साथ ही बक्सर और आरा जिले के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।आइए आपको बताते है कि बिहार में इससे पहले कब-कब बड़े रेल हादसे हुए हैं और कैसे बिहार दुनिया का दूसरा सबसे बड़े रेल हादसे का केंद्र रहा है।

6 जून 1981 का वो काला दिन।

दरअसल देश का ही नहीं दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल हादसा भी बिहार में ही हुआ। आज से 42 साल चार महीना पहले 6 जून 1981 को देश की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना सहरसा-मानसी रेलखंड के धमारा घाट के पुल संख्या 51 पर हुई। नौ में से सात डिब्बे नदी में गिर गए थे। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक इस हादसे में लगभग 300 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन स्‍थानीय लोगों की मानें तो 1000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। कई हफ्तों तक शवों की तलाश चलती रही, जबकि आज भी कुछ लोगों का पता नहीं चल सका।

10 सितंबर 2002: रफीगंज रेल हादसा।

आज से 21 साल पहले 10 सितंबर 2002 को तेज रफ्तार राजधानी एक्सप्रेस बिहार में रफीगंज के पास धावा नदी पर बने पुल पर बेपटरी हो गई थी,जिसमें 130 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए थे।

देश के बड़े रेल हादसे।

20 अगस्‍त, 1995: फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस खड़ी कालिंदी एक्‍सप्रेस से टकरा गई। इस हादसे में 400 से अधिक लोगों की जान गई थी। 26 नवंबर 1998: जम्‍मू तवी सियालदह पंजाब में गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई थी। इसमें 215 लोगों की जान गई थी। 2 अगस्त 1999: ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस टकराई थी। इसमें 285 से अधिक लोग मारे गए थे। 2 जून 2023 : बालासोर में एक मालगाड़ी, 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस और 12864 बेंगलुरु-हावड़ा एसएफ एक्सप्रेस सहित तीन ट्रेनों की टक्कर हुई, जिसमें 280 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।