#MNN@24X7 दरभंगा, अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में बुधवार को किशनगंज के करुआमणि से पृथक मिथिला राज्य के गठन, संवैधानिक भाषा मैथिली को उचित अधिकार, बाढ के स्थायी समाधान, मिथिला क्षेत्र के सर्वांगीण विकास सहित ज्वलंत मुद्दों पर आम व खास लोगों का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से सात सौ किलोमीटर की संकल्प मिथिला पदयात्रा शुरू हुई।

शिशिर कुमार झा के संचालन एवं क्रमशः आशीष चौधरी, मणिभूषण राजू वह पुरुषोत्तम वत्स के संयोजन में शुरू हुई पदयात्रा शामिल सैकड़ों पदयात्रियों को संघर्ष समिति के अध्यक्ष डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बिदा किया।

मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मिथिला के सामाजिक,सांस्कृतिक,आर्थिक, राजनैतिक एवं भाषाई आजादी के बिना समग्र मिथिला क्षेत्र का विकास असंभव है। सड़़क से संसद तक संघर्ष जारी है और यह आंदोलन पृथक मिथिला राज्य का गठन होने तक अनवरत जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि सनातनी मिथिला को पृथक राज्य के रूप में गठन की मांग करते हुए सौ बरस से ऊपर हो गया। इस भौगोलिक क्षेत्र में बंगाल से बिहार, उड़ीसा और झारखंड राज्य बन गया। लेकिन पृथक मिथिला राज्य के गठन की आठ करोड़ से अधिक मिथिलावासी के मांग की अब तक अनदेखी किया जाना निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि मिथिला क्षेत्र लगातार बिहार से अलग होने की बात कर रहा है क्योंकि मैथिलों के लिए बिहारी शब्द मिथिला के नैतिक पहचान ,नैतिक मूल्य, सभ्यता-संस्कृति, भाषा एवं विकास में बाधक है और इस कारण बिहार में मैथिलों की पहचान लुप्त होती जा रही है.

मिथिला राज्य अभियानी विनोद कुमार झा ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में मिथिला में बेरोजगारी और पलायन में बेहताशा वृद्धि हुई है। सभी चीनी व जूट मिल सहित उद्योग- धंधे बंद हो गए हैं। प्रो उदय शंकर मिश्र ने कहा कि मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए अलग मिथिला राज्य का गठन जरूरी है। मिथिला की प्रगति सरकारी उपेक्षा के कारण दिशाहीन हो गयी है। विजय मिश्रा ने कहा कि सरकारी उदासीनता के कारण शिक्षा और स्वास्थ्य के स्तर में तीव्र पतन हो रहा है।

संघर्ष समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी ईंजीनीयर शिशिर कुमार झा ने अपने संबोधन में मिथिला में आईआईटी, आईआईएम के स्थापना की मांग की। उन्होंने कहा कि 2021 के रिपोर्ट में भी बिहार गरीबी में देश भर में अव्वल है। ऊपर से मगही शासन की कुदृष्टि से मिथिला निरंतर दरिद्रता की ओर बढ रहा है। पदयात्रियों को सम्बोधित करते हुए दीपक कुमार राय ने बिहार सरकार को आगाह किया कि पृथक मिथिला राज्य के लिए विधानसभा में जल्द प्रस्ताव पारित नहीं हुआ तो सम्पूर्ण मिथिला क्षेत्र में सड़क रोको, रेल रोको अभियान शुरू किया जायेगा।

युवा अभियानी मणिभूषण राजू ने कहा कि जब तक हम पूर्ण रूप से संगठित नहीं होंगे हमें मिथिला राज्य नहीं मिलेगा। यह किसी एक व्यक्ति या संस्था की मांग नहीं है। यह संपूर्ण मिथिला वासियों की बहुत पुरानी मांग है, जिसके लिए हम लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं। पुरूषोत्तम वत्स ने कहा कि पृथक मिथिला राज्य का गठन हमारा अधिकार है और इसे हम हर हाल में लड़कर हासिल करेंगे। आशीष चौधरी ने तमाम मिथिला वासियों से अपील की कि वे संगठित होकर अपने हक के लिए संघर्ष करने को आगे आएं।

गिरधारी झा ने कहा कि स्वतंत्र मिथिला राज्य के लिए हमें अपने संघर्ष को धारदार बनाना होगा। पदयात्रा के पहले दिन दीघल बेंक प्रखंड के ठाकुर गंज एवं बहादुरगंज आदि गांवों में पैदल भ्रमण कर जन जागरण अभियान चलाया गया।

मौके पर संतोष साह, पप्पू साह, विकास कुमार, अनिल झा, शंभू ठाकुर, दीपक कुमार तिवारी, चंद्र मोहन दास, बुधलाल ठुडू सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, युवा एवं बुजुर्गों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।