. पुरुष व महिलाओं दोनों की सहभागिता के बिना लैंगिक समानता की बात होगी बेमानी:- प्रो० डॉली सिन्हा, प्रति कुलपति, लनामिवि, दरभंगा।

● जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रियेटर बने हमारी छात्राएं:- विभागाध्यक्ष, डॉ० दिव्या रानी हंसदा।।

● या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यैः-नमस्तस्यैः-नमस्तस्यैः नमो नमः।।:- डॉ० अजीत कुमार सिंह, पूर्व कुलसचिव सह वाणिज्य विभागाध्यक्ष।

● डिसीजन मेकर बने छात्राएं:- डॉ० मंजू राय, इंग्लिश विभागाध्यक्ष।

#MNN@24X7 लनामिवि दरभंगा, आज दिनांक 21 मार्च 2023 को विश्वविद्यालय गृह विज्ञान विभाग में गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ० दिव्या रानी हंसदा व मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ० ध्रुव कुमार की संयुक्त अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव सप्ताह का समापन समारोह आयोजित किया गया। सबसे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन मिथिला विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो० डॉली सिन्हा ने उपस्थित कई विभागों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ मिलकर दीप प्रज्वलित कर किया।

बतौर मुख्य अतिथि मिथिला विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति प्रो० डॉली सिन्हा ने कहा कि यहां उपस्थित सभी छात्राओं, शोधार्थियों व शिक्षक-शिक्षिकाओं को सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव सप्ताह की शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं। आज का दिन यकीनन महिलाओं का दिन है। समाज में एक धारणा बन चुकी है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का कार्यक्रम में सिर्फ महिलाएं ही मना सकती है बल्कि मेरा मानना है कि इस कार्यक्रम में पुरुषों को भी भाग लेना चाहिये क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय दिवस उत्सव सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य ही लैंगिक समानता का है। आखिर ये लैंगिक समानता की बात किससे जुड़ा हुआ है। ये पुरुष व महिलाओं दोनों से जुड़ा हुआ है। ऐसा नहीं है बदलते परिदृश्यों में पुरुष समाज भी महिलाओं को अब सारे अधिकार देने की बात करता है बावजूद उन्हें भी पता नहीं चल पाता है कि कहां पर अनजाने से कोई गलती हो जाती है इसीलिए खासकर पुरूष वर्ग को तो जरूर इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहिये ताकि उन्हें भी पता चल सके कि जाने-अनजाने कहाँ-कहाँ महिलाओं के साथ भेदभाव होता है और उसके अधिकारों को दबा दिया जाता है। इसीलिए ये कार्यक्रम करना तब तक बेमानी होगी जब तक कि ऐसे कार्यक्रम में पुरुष व महिलाओं दोनों की सहभागिता न हो।

मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव सह वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ० अजीत कुमार सिंह ने उपस्थित छात्राओं व शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन शक्ति का दिन है। हमारे वैदिक वाङ्गमय में, वैदिक दर्शन में, सनातन दर्शन में शक्ति का बड़ा ही महत्व है चुकि अगर शक्ति ना हो तो शिव तो शव हो जाता है। इसीलिए शक्ति का बड़ा महत्व है। इसीलिए यहां उपस्थित आपसबों शक्ति स्वरूपा को मेरा शत-शत नमन। अंत में उन्होंने दुर्गासप्तशती के पांचवें अध्याय के इस श्लोक को कहा:-

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यैः-नमस्तस्यैः-नमस्तस्यैः नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यैः-नमस्तस्यैः-नमस्तस्यैः नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यैः-नमस्तस्यैः-नमस्तस्यैः नमो नमः।।

अंत में गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ० दिव्या रानी हंसदा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव सप्ताह का हर साल आयोजन गृह विज्ञान विभाग में किया जाता है। इस कार्यक्रम को मनाने का मुख्य उद्देश्य ही है कि हमारी छात्राएं व शोधार्थी ज्यादा से ज्यादा स्किल्ड हो। उनके स्किल्ड को डेवलप कर उनके हुनर को तराशना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। आज मिथिला विश्वविद्यालय की छात्राएं व महिला शोधार्थी किसी से कम नहीं है। समय दर समय उन्होंने अपने प्रतिभा का परचम लहराया है। हम चाहते हैं कि हमारी छात्राएं जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रियेटर बने। छात्राएं खुद को स्किल्ड बना अपने हुनर को तराशें। बिहार सरकार भी जीविका दीदियों के हुनर को विकसित कर रहा है ताकि हमारी महिलाएं स्वाबलंबी बनें। आप सबों को स्वर्णिम भविष्य की बहुत-बहुत शुभकामनाएं मेरी ओर से।

इंग्लिश विभागाध्यक्ष डॉ० मंजू राय ने कहा कि सबसे पहले अपने माइंड सेट को बदलिये। डिसीजन मेकर बने व इसकी शुरुआत अपने घर से ही करें। घर में भी अन्याय हो रहा हो तो उसके खिलाफ महिलाएं बोलें ना कि चुप रहना पसंद करें। आगे उन्होंने विस्तार से एक-एक तथ्य को रखा।

एक-एक कर सभी वक्ताओं ने खासकर सिमरतल्ला से आये अतिथि निवास कुमार ने विस्तार से लैंगिक समानता पर प्रकाश डाला।

अंत में सभी दिन हुए विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरुस्कार से नवाजा गया। इस मौके पर मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ० ध्रुव कुमार, डॉ० पुनीता झा, डॉ० आभा रानी, इंग्लिश विभागाध्यक्ष डॉ० मंजू राय, समाजशास्त्र की वरिष्ठ शिक्षिका डॉ० मंजू झा, व सारिका पांडेय समेत गृहविज्ञान विभाग, मनोविज्ञान विभाग व कई विभागों के शिक्षक व शिक्षिकाएं उपस्थित थे।