दो बाल श्रमिक को कराया गया विमुक्त।
#MNN@24X7 दरभंगा, 14 मार्च, श्रम अधीक्षक दरभंगा राकेश रंजन के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु दरभंगा नगर निगम एवं दरभंगा सदर अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल की टीम के द्वारा सघन जाँच अभियान चलाया गया।
जाँच के क्रम में दो प्रतिष्ठान जिसमें जय श्यामा स्वीट्स एवं भोजनालय से एक बाल श्रमिक,व्यंजन रेस्टोरेंट, बेंता चौक, लहेरियासराय से एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया।
विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति, दरभंगा के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है।
बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।
श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और दो वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से 20 हजार रुपये प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी, जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा। इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा।
धावा दल टीम के सदस्य के रूप में अमित कुमार कश्यप, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बहादुरपुर, दिलीप कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दरभंगा सदर, लक्ष्मण कुमार झा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सिंहवाड़ा, मनीष कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, जाले,चाइल्डलाइन के सदस्य अमरेश कुमार झा, बाल संरक्षण पदाधिकारी गोविंद राम, आश्रय ट्रस्ट के सदस्य निवेश कुमार, पुलिस केंद्र दरभंगा से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के 3 पुलिसकर्मी शामिल थे।
धावा दल टीम के द्वारा द्वारा आज दरभंगा नगर निगम क्षेत्र एवं दरभंगा अनुमंडल क्षेत्र स्थित सभी दुकान एवं प्रतिष्ठानों में सघन जाँच की गई तथा सभी नियोजकों से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया तथा सभी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में बाल श्रम मुक्त परिसर से संबंधित स्टीकर भी चिपका गया।
श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा दरभंगा शहर के साथ साथ सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी संचालित की जाएगी तथा बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवं बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।