#MNN@24X7 दरभंगा, संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति के मिथिला विश्वविद्यालय इकाई द्वारा ल0ना0 मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा मुख्यालय पर एक दिवसीय सामूहिक उपवास का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
उपवास कार्यक्रम की अध्यक्षता संघर्ष समिति के अध्यक्ष डाॅ राम मोहन झा ने किया। डाॅ झा ने कहा कि दिनांक 07/07/21 से अपनी मांगों को लेकर सैकड़ो बार विश्वविद्यालय मुख्यालय पर संघर्ष समिति द्वारा आंदोलन किया गया। परन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हरेक बार तारीख पर तारीख लिया जाता रहा।
दिसंबर 2021 में पूर्व कुलपति स्व राजकिशोर झा के नेतृत्व में हजारों शिक्षाकर्मियों के प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव ने स्वंय मांगों को जायज ठहराया था। पुनः दरभंगा स्नातक क्षेत्र से विधानपार्षद सह कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डाॅ मदनमोहन झा एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रजनीकांत पाठक के नेतृत्व में चार हजार से ज्यादा शिक्षाकर्मियों के प्रदर्शन के दौरान भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मांगों को जायज बताकर दस दिनों में पूरा करने का आश्वासन दिया गया था परन्तु अभी तक नतीजा ढाक के तीन पात ही है।
डाॅ झा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन संबद्ध महाविद्यालयों के समस्या के समाधान के बजाय समस्याओं को पैदा कर उसे बढाने एवं आंदोलन में सक्रिय लोगों को डराने, धमकाने, तोड़ने तथा आंदोलन को कमजोर करने मे ज्यादा सक्रिय रहता है। अब जब कुलपति तथा कुलसचिव पर वित्तीय अनियमितता के कई गंभीर आरोप लगे हैं जिसके कारण इनलोगों की कभी भी विश्वविद्यालय से विदाई तय है तो तारीख पर तारीख ले रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर आरबी जालान महाविद्यालय,बेला, दरभंगा में चयन समिति द्वारा अनुमोदित सभी सहायक प्राध्यापकों की अधिसूचना जारी नहीं करना चयन समिति गठन के नियमों के विपरीत है। विश्वविद्यालय प्रशासन को चयन समिति द्वारा अनुमोदित सृजित या अनुसंशित पदों कार्यरत कर्मियों को हटाने या अधिसूचना रद्द करने या नहीं करने का अधिकार नहीं है यह कार्य चयन समिति का है चयन समिति जिस योग्य उम्मीदवार का अनुमोदन कर देती है उसे रद्द करने का अधिकार केवल चयन समिति को ही है इस संबंध मे विश्वविद्यालय प्रशासन को बिहार सरकार द्वारा जारी गजट का अवलोकन करना चाहिए।
डाॅ झा ने एमआरएसएम महाविद्यालय,आनन्दपुर के अध्यक्ष डाॅ मोहन मिश्र एवं सचिव रामचंद्र प्रसाद को तत्काल हटाने की मांग की है। डाॅ झा ने कहा कि डाॅ मोहन मिश्र के विश्वविद्यालय में भूसंपदा पदाधिकारी रहने के दौरान इन पर करोड़ों रूपए के गबन का आरोप है। अध्यक्ष तथा सचिव ने मिलकर महाविद्यालय में कई फर्जी नियुक्ति की है उसे रद्द किया जाए तथा दोनों के कार्यकाल में हुए वित्तीय अनियमितता की जांच की जाए तथा शिक्षाकर्मियों के बीच अविलंब अनुदान का भुगतान किया जाए।
डाॅ झा ने कहा कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित सीनेट बैठक में यदि महामहिम कुलाधिपति महोदय का आगमन होता है तो संबद्ध महाविद्यालय संघर्ष समिति द्वारा ल0ना0 मिथिला विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध स्मार पत्र सौंपा जाएगा।
मिथिला विश्वविद्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी इकाई के अध्यक्ष भरत यादव ने कहा कि यदि दस दिनों के अंदर तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों का पद सृजन नहीं किया गया तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
शिक्षक इकाई के अध्यक्ष डाॅ सुरेश राम ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अनावश्यक रूप से संबद्ध महाविद्यालयों में हस्तक्षेप कर रहा है। चयन समिति हो चुके सहायक प्राध्यापकों की सूचना यथाशीघ्र बिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर देने के लिए सभी संबद्ध महाविद्यालयों को कडे शब्दों में निर्देशित करे और ऐसा नहीं करने वाले महाविद्यालय के शासी निकाय के विरूद्ध कडी कारवाई करे।
कर्मचारी नेता पुरूषोत्तम झा एवं विपिन कुमार झा ने मांगों पर तत्काल संज्ञान लेने की मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से किया है।
उपवास स्थल पर प्रमुख लोगों में प्रवक्ता प्रो ज्योति रमण झा, डाॅ सुरेश राम, प्रो विपिन कुमार झा, प्रो विनोद कुमार सिंह पुरूषोत्तम झा,भरत यादव, विजय कुमार राय, प्रो शशांक शेखर, प्रो पवन कुमार शर्मा, प्रो महानिदेशक झा,मो0इनाम, श्याम कुमार सहित अन्य कई लोग शामिल थे।