शिक्षा एंड दीक्षा क्लासेज, बनौली, दरभंगा के तत्वावधान में छात्रों के लिए ‘परीक्षार्थी एवं परीक्षा प्रबंधन’ विषयक विचारगोष्ठी आयोजित।
समुचित प्रबंधन, निरंतर अभ्यास तथा सोशल मीडिया से दूरी बनाकर बिहार बोर्ड के परीक्षार्थी पा सकते हैं बेहतर परीक्षा परिणाम- डा अंजू।
आगत अतिथियों का पाग, चादर, पुस्तक एवं पत्रिका प्रदान कर किया गया स्वागत।
#MNN@24X7 दरभंगा। जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत हम सब सीखते रहते हैं। इस दौरान अनेक तरह की परीक्षाओं से भी हमें गुजरना पड़ता है। परीक्षा को अपनी दिनचर्या में शामिल कर परीक्षार्थी उच्चतम अंक पा सकते हैं। परीक्षा में अच्छे अंक लाना भी एक कला है, जिसके लिए सतत् अध्ययन व अभ्यास, समय- प्रबंधन, समुचित मार्गदर्शन तथा आत्मविश्वास से भयमुक्त होकर छात्र अपनी परीक्षा में शामिल हों।
उक्त बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के संस्कृत- प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया ने दरभंगा जिला के बनौली पंचायत में संचालित शिक्षा एण्ड दीक्षा क्लासेस के तत्वावधान में बिहार बोर्ड की फरवरी माह में आयोजित होने वाली 10वीं एवं 12वीं के छात्र- छात्राओं के लिए “परीक्षार्थी एवं परीक्षा- प्रबंधन” विषयक विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में कही।
डा चौरसिया ने कहा कि परीक्षा की तैयारी टाइम टेबल के हिसाब से करते हुए प्रत्येक विषय तथा टॉपिक को महत्व दें। सिलेबस के हिसाब से पूर्व परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों के आधार पर मूल पुस्तक पढ़कर तैयारी करें। वहीं क्वेश्चन पेटर्न समझने के लिए सैंपल पेपर को भी जरूर देखें। खुद पर विश्वास रखते हुए लगातार पढ़ने की जगह अपनी क्षमता व रूचि के अनुसार प्रत्येक एक- डेढ़ घंटे के अंतराल पर कुछ मिनटों का ब्रेक जरूर लें। परीक्षा में सबसे पहले प्रश्नों को अच्छी तरह से पढ़कर समझ लें तथा सबसे आसान प्रश्नों के उत्तर पहले लिखें।
उन्होंने परीक्षार्थियों को शुभकामना देते हुए कहा कि परीक्षा को बोझ न समझकर तनाव व डर से बचते हुए अपनी परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर शुद्ध एवं साफ-साफ लिखें।
प्लस टू उत्क्रमित उच्च विद्यालय, कोयलास्थान, दरभंगा की विज्ञान- शिक्षिका डा अंजू कुमारी ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि परीक्षा छात्रों के साल भर की पढ़ाई का प्रतिफल होता है, जिसे समुचित प्रबंधन, निरंतर अभ्यास तथा सोशल मीडिया से दूरी बनाकर बेहतर बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि छात्र प्रश्नों के उत्तर पॉइंट वाइज देते हुए अपने उत्तर में सूत्रों, डाटाओं एवं यथोचित चित्रों का उपयोग करके उच्चतम अंक प्राप्त कर सकते हैं। परीक्षार्थी शुरू के 15 मिनट अपने प्रश्नों को ठीक से पढ़कर समझने के लिए रखे तथा अंत का आधा घंटा अपने प्रश्नोत्तरों को एक बार पुनः ठीक से देखने तथा छूटे हुए अंशों को उत्तर में शामिल करने के लिए अवश्य रखें। डा अंजू ने बताया कि परीक्षा में वस्तुनिष्ठ तथा आंकिक प्रश्नों में पूर्ण अंक दिए जाते हैं, जिसके लिए संपूर्ण पाठ्य पुस्तकों के अध्ययन तथा विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बिहार शिक्षा परियोजना मधुबनी के इंजीनियर सुनील कुमार भगत ने छात्रों से सुबह में उठकर गहराई से सुनियोजित ढंग से पढ़ने तथा इमानदारी पूर्वक नियमित अध्ययन को रेखांकित किया। वहीं शिक्षा एण्ड दीक्षा क्लासेस के निदेशक विजय कुमार ने बताया कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती है, पर एक न एक दिन जरूर मिलती है। अधिक अंक लाना एक कला है, जिसके लिए अधिक पढ़ने, अधिक समझने तथा अधिक लिखकर अभ्यास करने की जरूरत है। उन्होंने परीक्षार्थियों से कहा कि वे अपनी कमियों को दूर कर परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत कुमार चौरसिया ने हार्ड वर्क (शारीरिक श्रम) तथा स्मार्ट वर्क (मानसिक श्रम) की चर्चा करते हुए कहा कि बनौली पंचायत में इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम कई वर्षों से होता रहा है, जिसके अंतर्गत विशेषज्ञों को बुलाकर परीक्षार्थियों में आत्मविश्वास पैदा करते हुए सफलता के सूत्र बताए जाते हैं। वहीं परीक्षाओं में अच्छी सफलता पाने वाले छात्र- छात्राओं का कैरियर काउंसलिंग करते हुए पुरस्कार प्रदान कर हौसला अफजाई की जाती है।
इस अवसर पर आदर्श कुमार, रवि कुमार, प्रणव नारायण, किशन कुमार यादव, गोपाल कुमार पंडित तथा चांदनी कुमारी आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए परीक्षा संबंधी अनेकानेक प्रश्नों को रखा, जिसका समुचित उत्तर अतिथियों ने दिया। उक्त संगोष्ठी में बोर्ड परीक्षाओं के एक सौ से अधिक छात्र- छात्राएं उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत पाग तथा चादर से किया गया, जबकि हिन्दी बाल साहित्य शोध संस्था, बनौली के अध्यक्ष डा सतीशचन्द्र भगत ने अपने स्वलखित पुस्तकों एवं पत्रिकाओं को प्रदान कर अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने आगामी 9 फरवरी को कालिदास रंगालय, पटना मैं हिंदी बाल साहित्य शोध संस्था के तत्वावधान में आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में आने का आमंत्रण दिया।
आगत अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन करते हुए ख्याति लब्ध कवि एवं लेखक डा सतीशचन्द्र भगत ने अपने बचपन की परीक्षा तैयारी की जानकारी देते हुए कई प्रेरक कविताओं का पाठ किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन विधि के छात्र संजय भगत ने किया।