कार्यक्रम में डा शंभू शरण, डा राजीव रंजन, प्रो विश्वनाथ, डा अनिल कुमार, डा चौरसिया, डा विजयसेन व डा रीना में रखे विचार।

#MNN@24X7 दरभंगा। सी एम कॉलेज,दरभंगा के प्रधानाचार्य डा अनिल कुमार मंडल की अध्यक्षता में महाविद्यालय में संचालित इग्नू अध्ययन केन्द्र के तत्वावधान में नव नामांकित इग्नू के छात्र- छात्राओं का इंडक्शन बैठक आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, दरभंगा के वरीय क्षेत्रीय निदेशक डा शंभू शरण सिंह, सहायक क्षेत्रीय निदेशक डा राजीव कुमार, महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो विश्वनाथ झा, इग्नू के पूर्व समन्वयक डा आर एन चौरसिया, इग्नू समन्वयक डा विजयसेन पांडेय, सहायक समन्वयक डा रीना कुमारी, डा मनोज कुमार सिंह तथा डा सुजीत कुमार शर्मा आदि ने महत्वपूर्ण विचार रखे।

इस अवसर पर सहायक समन्वयक डा शिशिर कुमार झा, डा मनोज कुमार सिंह, डा रामबाबू आर्य, परमानंद मिश्र, बिंदेश्वर यादव, डा वीरेंद्र कुमार झा, अमरजीत कुमार सहित 125 से अधिक इग्नू के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

अपने संबोधन में डा शंभू शरण सिंह ने कहा कि सीखने की प्रक्रिया जीवन पर्यंत चलती रहती है। हम पुस्तक अध्ययन के साथ ही एक- दूसरे से बातचीत करने में भी सीखते हैं।

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे ज्ञान को अपने अनुभव का अंग बनाएं। बेहतर परिणाम के लिए समय- प्रबंधन तथा लक्ष्य पर पैनी नजर आवश्यक है। छात्र जीवन में बड़े सपने देखें तथा तदनुरूप अपनी मेहनत एवं दिशा सही बनाए रखें। उन्होंने कहा कि इग्नू की अध्ययन सामग्री उच्च स्तरीय होता है जो कभी भी अध्ययन कर्ता को उबाऊ नहीं लगने वाला होता है।

डॉ सिंह ने बताया कि इग्नू विद्यार्थी केन्द्रित विश्वविद्यालय है जो पूरे देश में एक साथ नामांकन, एक साथ परीक्षा, एक ही प्रश्नों के माध्यम से परीक्षा एवं एक साथ परीक्षा परिणाम देती है।

सहायक निदेशक डॉ राजीव कुमार ने इग्नू की नामांकन, परीक्षा तथा पढ़ाई पद्धति आदि का विस्तार से वर्णन करते हुए अनेक तरह से विद्यार्थियों का हौसला अफजाई किया। उन्होंने इग्नू तथा इंडक्शन मीटिंग की महत्ता, दूरस्थ शिक्षा, पाठ्यक्रम की विस्तृत जानकारी, इग्नू क्रेडिट बेस्ड सिस्टम तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दूरस्थ शिक्षा का महत्व आदि पर विस्तार से अपनी बातें रखीं। डा राजीव ने इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र तथा अध्ययन केन्द्र की भूमिका, क्षेत्रीय स्तर पर इग्नू की कार्य पद्धति तथा नियमित शिक्षा से अंतर को रेखांकित किया। उन्होंने प्रश्नोत्तर सत्र में विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों के समुचित उत्तर दिया।

प्रो विश्वनाथ झा ने कहा कि इग्नू शिक्षा का प्रजातांत्रिकरण करता है तथा समानता आधारित शिक्षा प्रदान करता है। उन्होंने अपने प्रधानाचार्य काल में इग्नू हेतु किए गए प्रयासों का विस्तार से जानकारी दी। इग्नू के पूर्व समन्वयक डा आर एन चौरसिया ने इग्नू के छात्रों की समस्याओं को बताते हुए उनके निदान के उपायों को भी विस्तार से बताए। उन्होंने समन्वयक के रूप में अपने अनुभवों को बताते हुए असाइनमेंट, सतत् अध्ययन एवं स्वाध्याय के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि इग्नू डिग्री विथ नॉलेज प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि इग्नू पूरी तरह ऑनलाइन, पारदर्शी एवं समय पाबंद विश्वविद्यालय है जो क्षेत्र विस्तार एवं छात्र संख्या की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय भी है।

अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य डा अनिल कुमार मंडल ने कहा कि 1985 में स्थापित इग्नू छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत है। यह पूरी तरह सिस्टमैटिक विश्वविद्यालय है। व्यक्ति की पहचान उसके गुणों एवं कर्मों से होता है, न कि उसकी सुंदरता, धन या कूल से। विद्याध्ययन से व्यक्तित्व का विकास एवं समाज में पहचान बनती है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे लगनशील, दृढ़ निश्चयी, आत्मविश्वासी तथा अच्छे छात्र बनकर भविष्य में देश के बेहतरीन नागरिक बनें और समाज में सार्थक परिवर्तन लाएं। बैठक का आरंभ इग्नू के कुलगीत से हुआ तदोपरांत दीप प्रज्वलन कार कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।

अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया।आगत अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन इग्नू समन्वयक डा विजयसेन पांडेय ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डा रीना कुमारी ने किया।