बच्चा कक्का कहैत छथि जे वर्तमानमें अपना सबऽ लग केवल एकहि टा जीवन अछि, दू वा तीनटा नहिं। एकरा अपना सब भविष्य सं नहि जोइड सकैत छी, अपनऽ काज केऽ काल्हि पर नहि छोड़ल जा सकैत अछि। जे लक्ष्य अपना सभ निर्धारित कऽ के रखने छी, ओकरा अहि जीवनमे में पूरा करबाक अछि, जाहिसँ की अपना सबहक कोनो लक्ष्य अपूरित नहि रहै। चूँकि समय केऽ संग जीवन घटैत जाइत अछि, अपना सब एहि शेष अवधि में अपन काज केऽ करैत,आनंदित भऽ लहरि पर झिलोर खेलाई, जाहिसँ जीवन सार्थक कहबई।

इ सब गप्प जखन ओ दलान पर कहनाई प्रारम्भ करैत छलाह की बस सबकियो टुकुरटुकुर हुनके मुंह दिस टकध्यान लगा बात बुझबाक प्रयास कर लागैत छल। बच्चा कक्का मोन पाडैत बजलाह “मोन छऽ रम’बहदुराऽ के बेटा जखन दरभंगा सं गाम ऐल उत्साह सं भरल छल।’जनसेवा’ ओकर जीवनऽक उद्देश्य छल। मुदा गाम अबितहि ओ बीमार पडी गेल सभ कहलक आब ओ छह महीना सं बेसी नहि बचत। जखन ओकरा कान मे ई गप्प गेल ओ कनिको नहि हडबरैल आ सोचलक ‘ईश्वर जे हमरा ईऽ छऽ महीना तक जीबाक अवसर देलन्हि, ओकर सदुपयोग करी तखन ई तऽ संतोष रहत, जेऽ हमहुं सार्थक जीवन जिलहुं। अतएव ओ अपन बाकी जीवन गरीब आ बेसहारा सबहक सेवा मे लगा देलक।

अहिना करैत-करैत दू साल बीत गेल। लोक सभकेँ जोर देलापर जखन ओ डाक्टर सं देखेलक, सब कियो आश्चुर्य चकित रहि गेल। ओ पूरा तरहें ठीक भऽ गेल छल। आब सब कियो ओकरा अपन जीवन नीक सं व्यतीत करबाक सलाह देलन्हि। मुदा ओ कहलक जे हमर जिनगी आब हिनके सभकेँ समर्पित अछि। आब हम हिनकर नहि ई हमर सहारा छथि।

कहबाक तात्पर्य यैह जे जखन कोनो व्यक्ति एकटा आदर्श ध्येय केऽ निर्धारण कऽ लैत छथि, तखन कोनो बाधा हुनका प्रभावित नहि कऽ सकैत अछि। ओ दैविक शक्ति में विश्वास अर्जित करैत छथि आ सकारात्मक जीवन जीबाक प्रेरणा सेहो प्राप्त करैत छथि। बस जरूरत अछि दृढ़ इच्छा शक्ति आ ईश्वर के प्रति पूरा आस्था आ विश्वास बना केऽ रखबाक।