#MNN@24X7 प्रयागराज, माफिया अतीक और अशरफ सगे भाई थे, दोनों जिगरी दोस्त भी थे।अतीक बर्बाद भी हुआ तो अपने भाई अशरफ की वजह से।अतीक सारे गुनाह जानते हुए भी कभी अशरफ का साथ नहीं छोड़ा।अतीक और अशरफ की हत्या भी साथ हुई।दोनों के हाथ एक ही हथकड़ी से बंधे थे।दोनों भाइयों में बहुत लगाव रहा। मगर इनकी पत्नियों में कभी नहीं पटी।
निकाह के कुछ समय बाद ही जैनब अपने मायके चली गई फिर लौटकर आई ही नहीं।देवरानी जैनब और जेठानी शाइस्ता परवीन में सालो तक तू बड़ी कि मै बड़ी की लड़ाई चलती रही। अतीक और शाइस्ता का निकाह 1996 में हुआ था। अशरफ और जैनब का निकाह 2013 में हुआ था।
निकाह से कुछ महीने पहले ही अशरफ जेल से बाहर आया था। अतीक ने अपने भाई अशरफ की शादी बड़े धूमधाम से की थी।चकिया स्थित कोठी में जैनब निकाह के बाद आई। अशरफ और जैनब का निकाह के बाद जीवन की शुरुआत चकिया वाले पैतृक घर से हुई, लेकिन यह सुखद दौर कुछ ही दिन चला।घर में शाइस्ता की ही हुकूमत चलती थी। बच्चों से लेकर नौकरों, गुर्गों से लेकर रिश्तेदार सब शाइस्ता के आगे नतमस्तक थे।शाइस्ता की बात काटने की हिम्मत अशरफ में भी नहीं थी। जैनब ने कुछ दिन तो बर्दाश्त किया। इसके बाद शाइस्ता और जैनब में छोटी-छोटी बातों को लेकर मतभेद होने लगे।
ये बातें अतीक और अशरफ तक भी आने लगीं।अतीक और अशरफ ने काफी कोशिश की, लेकिन धीरे-धीरे शाइस्ता और जैनब में बोलचाल बंद हो गई।निकाह के कुछ महीने के बाद जैनब अपने मायके हटवा चली गई और वहीं अपने भाइयों के परिवार के साथ रहने लगी।इसके बाद जैनब जब भी चकिया आई तो मेहमान की तरह आई।बस कुछ घंटों के लिए।अशरफ का भी ज्यादातर समय हटवा में बीतने लगा। जैनब के चारों बच्चे मायके में ही हुए। उनकी वहीं पर परवरिश भी हो रही है।
ऐसा नहीं कि जैनब अतीक या उसके बेटों से चिढ़ती थी। अतीक के बेटे अक्सर उससे मिलने भी जाते थे,लेकिन शाइस्ता से जैनब की मुलाकात सिर्फ शादी ब्याह में ही होती थी।2017 के बाद जब अशरफ दोबारा फरार हुआ तो अक्सर हटवा में ही आकर रुकता था। अतीक और अशरफ ने काफी कोशिश की, लेकिन जैनब और शाइस्ता की आपस में कभी नहीं पटी।
(सौ स्वराज सवेरा)